भरती खुशियाँ आजीवन
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** जीवन जटिल बना निशिवासर,जूझ रहा यह कोमल जीवन।तिनका-तिनका जोड़-जोड़ वह,भरती खुशियाँ वह आजीवन। कंटक पथ पर रहती अग्रसर,जीवन में लाती हरियाली।सहती कष्ट होंठ मुस्काते,हँस-हँस झेले बदहाली।मन कपाट को…