मत नीर बहाओ तुम…

डॉ. रचना पांडेभिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** मत नैनों से नीर बहाओ तुम,मत दिल के दर्द दिखाओ तुम। कौन है जो दर्द को समझेगा,कौन है जो मीठे बोल कहेगाकौन है जो गले लगाकर तुम्हें,दुखी…

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प्रेम की होली

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** रंग-बिरंगी प्रेम की होली,मिल-जुल करो ठिठोली। है रंगों का त्योहार निराला,सबसे प्रेम करो मलबाला। गले मिलो और नाचो-गाओ,पापड़-गोजे सबको खिलाओ। खूब उड़ाओ गुलाल-रोली,रंग-बिरंगी प्रेम…

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हिय जले न दुर्वचन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मन का आपा खोने को,बहुत रखे विकल्प।शीतल चंदन बोले,ऐसे हों शब्द संकल्प॥ जलानी पड़ी कितनी,लकड़ी यत्र सर्वस्त्र।हिय जले न दुर्वचन,सुख का यही है मंत्र॥ निज देखे स्वयं वाणी,कि…

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कैसे बीता साल पुराना!

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कैसे बीता साल पुराना मत पूछो।बैठे-बैठे खाल खुजाना मत पूछो॥ माह जनवरी बीता उसके स्वागत में,और फरवरी का घट रीता दावत में।देख 'कोरोना' मार्च महीना घबराया,कर्फ्यू…

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भला क्या कर लोगे ?

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** है हर ओर भ्रष्टाचार,भला क्या कर लोगे,तुम कुछ ईमानदार,भला क्या कर लोगे ? दूध में मिला है पानी,या पानी में मिला दूध,करके खूब सोच-विचार,भला क्या कर लोगे…

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संवाद होना चाहिए

सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************* इंसान का इंसान से,संवाद होना चाहिए,दिल की दूरियों का,उपचार होना चाहिए। आज का इंसान हो गया,ईर्ष्या से लाचार,दिखता नहीं अब कहीं,जगत में सदाचारसंस्कारों का अब तो,अभिनंदन होना…

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फिर एक कविता पिरोनी है

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* ख़यालों की नदियाँ जैसे हैं मन में बह रहीं,यह पंक्तियाँ जो हैं शीत की बयार और ग्रीष्म की किरणें सह रहींउन ख़यालों की नदियों को स्याही से मिलाना…

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पिता की व्यथा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** पिता कह रहा है सुनो,पीर,दर्द की बात।जीवन उसका फर्ज़ है,नहिं कोई सौगात॥ संतति के प्रति कर्म कर,रचता नव परिवेश।धन-अर्जन का लक्ष्य ले,सहता अनगिन क्लेश॥ चाहत…

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पुरुषप्रधान विश्व रचि राखा

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* हम लोग कितने बड़े ढोंगी हैं ? हम डींग मारते हैं कि हमारे भारत में नारी की पूजा होती है। नारी की पूजा में ही देवता रमते…

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विचाराधीन कैदियों के अधिकार बहुत,पर…

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** आज समाचार पत्र में पढ़ा कि एक कैदी को आगरा जेल से बिना अपराध सिद्ध किए २० वर्ष के बाद न्यायालय ने अपराध मुक्त किया। यह मात्र एक…

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