शिक्षा धन सबसे बड़ा

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** शिक्षा धन सबसे बड़ा,शिक्षा है अनमोल।शिक्षा से कुछ भी नहीं,और नहीं हैं तोल॥ शिक्षा से संस्कार का,होता आज विकास।शिक्षा से इंसान है,शिक्षा ज्ञान प्रकाश।। सबसे…

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आधा मुनाफ़ा

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** "भाभी,आप अपनी सेहत का भी ध्यान रखा करो न…माँ का ध्यान रखते रखते..आप कैसी दिखने लगी हो !" अंकिता ने उदासीन होते हुए अपनी भाभी के गालों को…

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मत डरना अबला बन

माया मालवेन्द्र बदेकाउज्जैन (मध्यप्रदेश)********************************** मत डरना अबला बन,जीना अपनी शान से,सबला है,सबला रहेगी,जीना मान-सम्मान से।भारत की नारी है तू,देवी बन पूजी जाती है,डरना फिर क्यों,अत्याचारी पापी इंसान से॥ याद कर…

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भूत,भविष्य और वर्तमान

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** जीवन के हैं तीन आधार-भूत,भविष्य और वर्तमानजीना सबको पड़ता हैइन्हीं तीन कालों मेंभूत बदले,भविष्य बदले,या बदले वर्तमानफिर जीना पड़ता है,इन्हीं कालों के साथ। किसके भाग्य में क्या…

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पत्रिका ‘शब्दाहुति’ का लोकार्पण २१ फरवरी को इंदौर में

इंदौर (मप्र)। दिल्ली से निकलने वाली 'शब्दाहुति' साहित्यिक पत्रिका का लोकार्पण इंदौर में २१ फरवरी रविवार को होने जा रहा है। इस अवसर पर'काव्यांजलि' कार्यक्रम होगा,जिसमें नवीन और प्रतिष्ठित रचनाकार…

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‘ये शब्द गीत मेरे’ आमजन की जिजीविषा के स्वर

सुरेंद्र कुमार अरोड़ाग़ज़ियाबाद(उत्तरप्रदेश) ************************************** मनुष्य ने शब्दों का संसार भले ही स्वयं रचा है,परन्तु शब्दों के रचना-विन्यास की अनुभूति और अभिव्यक्ति की सामर्थ्य तो उसे उस अदृश्य शक्ति ने दी है,जिसे…

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प्रिय तुम हो बसंत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रिय तुम हो बसन्त,मैं बसन्ती बयार मदिर मंद-मंद। प्रिय तुम धरा में घुली सुगन्ध,मैं तुम्हारे रंगों में रँगी हुई केसरी रंग। प्रिय तुम हो मादक छंद,मैं हूँ तुम्हारी…

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इन्सान और भगवान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* इंसां होना है कठिन,सुन तू ऐ भगवान।देख परेशानी ज़रा,जीना ना आसान॥ इंसां नित ही भोगता,कष्ट,दर्द का शाप।दु:ख के काँटे,वेदना,कौन सकेगा माप॥ इंसां ईश्वर पूजता,सुखी रहे…

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बेवजह मुस्कुराइए

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************* कभी लबों पे,मुस्कुराहट लाकर तो,दिखाइये,चेहरा सुंदर तो बनाइए।कभी अपने लिए,कभी अपनों के लिए,हँसी का खजाना,लुटाकर तो दिखाइए॥ जिंदगी माना के,दुखों का है पहाड़,चलना नहीं…

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अमर शहीदों को श्रद्धांजलि

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** पुलवामां के अमर शहीदों की कुर्बानी याद करो,आँखों में अंगारे रक्खो दिल से यूँ ना आह भरो।किया पाक ने जो कुकर्म था बदला अभी चुकाना है,चौदह…

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