मैंने सोचा कि,मेरी भी ज़िम्मेदारी है…

मयंक वर्मा ‘निमिशाम्’ गाजियाबाद(उत्तर प्रदेश) *************************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. “क्या,नाम क्या है तुम्हारा ?” गौरव ने पूछा।“अरे साब,बाहेर देस के लगते हो। यहां हम जैसों का नाम नहीं पूछता कोई। सब ए कबाड़ी,ओ कबाड़ी वाले,बस ये ही बोलते हैं। वैसे कहते हैं मेरे बाबूजी ने ‘राजा’ नाम रखा था। अब देखो किस्मत,ये … Read more

साईकल के दो पहिए…तो बहुत ही ज्यादा सुखी रहोगे

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. मैं उस समय की बात कर रहा हूँ,जब शहर में आवागमन के लिए साईकल का प्रचलन था। दुपहिया वाहन भी इक्के दुक्के ही थे,जबकि चार पहिया वाहन तो ना के बराबर थे। उस समय समाज में आपसी प्रेम-भाईचारा खूब था और ईमानदारी व सादगी … Read more

तम्बाकू जीवन ज़हर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** लत तम्बाकू जिंदगी,नशा बहुत विकराल।पी बीड़ी सिगरेट को,खा ख़ैनी बदहाल॥ तम्बाकू की आदतें,करे मौत आगाज़।कैंसर टी.बी. का जनक,दुश्मन मनुज समाज॥ तम्बाकू गांजा चरस,द्रग अफ़ीम ये रोग।शराबी कामी नशा,समझ मूल दुर्योग॥ तम्बाकू सेवन बना,हेतु शान सम्मान।दे न्यौता ख़ुद मौत को,नशाब़ाज शमशान॥ तम्बाकू युवजन वतन,बना आज यह प्रीत।करे नाश ख़ुद जिंदगी,माने … Read more

कवक संक्रमण का सामान्य और प्रभावी इलाज है आयुर्वेद में

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)**************************************** फंगल इन्फेक्शन को कवक संक्रमण के नाम से भी जाना जाता है,यह एक सामान्य समस्या है जो तब होता है,जब शरीर के किसी अंग पर कवक लग जाती है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली उससे लड़ नहीं पाती है,जिससे हमारा शरीर प्रभावित होना शुरू हो जाता है। कवक हवा,मिट्टी, पानी और पौधों में मौजूद … Read more

मैं हूँ संस्कार

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मैं हूँ संस्कार,हम जैसे हैंवैसे ही रहेंगे,करता जैसा काम,वैसे ही करेंगे।सोचना है तुम्हें,सामंजस्य कैसे करोगेमेरे साथ कैसे चलोगे,चलना होगा साथ मेरेकहना तुम कैसे मानोगे।मानना होगा कहना,जैसा मानवता कहेगीमेरे आदर्शों के साथ,तुझे चलना होगासारा संघर्ष समझ,तभी निर्णय करमेरे संग चलना होगा।अगर है परेशानी,करोगे मनमानीफिर हो स्वतंत्र,करने हेतु कामअलग रहे मेरा नाम।ना … Read more

आरजू

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** मेरे-तेरे कहने के चक्कर में,निकल गए दिन-महीने-सालपर दिल की बात आज तक,जुबां से कह नहीं पाएपर मोहब्बत दोनों देखकर,एक-दूजे से करते रहेऔर दिल में मोहब्बत के,दीप जलाते रहे। जो तेरा है क्या मेरा है,मेरा तो सब-कुछ तेरा हैमिले या न मिले दोनों,फिर भी दिल दे चुके तुमकोमोहब्बत शायद इसी को,जमाने वाले कहते … Read more

सिद्धेश्वर की कहानियाँ समाज के मुखौटे को उतारने में पूर्णतः सफल-प्रो.शरद नारायण खरे

ऑनलाइन कथा पाठ………. मंडला(मप्र)। सिद्धे्वर जी की कहानी ‘बसेरा’ रिश्ते-नातों की ख़त्म होती मिठास,गिरते मूल्यों व ख़ुदगर्ज़ होते इंसानों की सच्चाई को परोसती एक ऐसी मार्मिक कथा है,जिसमें पुत्र स्वार्थी बनकर अपने पिता से मुख मोड़ता नज़र आता है। कहानी समाज के मुखौटे को उतारने में पूर्णतः सफल है।प्रसिद्ध साहित्यकार एवं विशिष्ट अतिथि प्रो.शरद नारायण … Read more

उनकी मेहनत की निशानी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. देखो मित्र,यह मेरे पिताजी की साइकिल पुरानी है,पिताजी की साईकल,उनकी मेहनत की निशानी है। साईकल से परिवार का पालन-पोषण करते थे पिता,हर क्षण उनके कंधे पर परिवारों की रहती थी चिन्ता। साईकल से ही पढ़ने जाते,और ज्ञान-विज्ञान मिला,अनेक कष्ट झेलते रहे,नहीं मिटा कष्ट का … Read more

मन में सजी पिता जी की साईकल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. वो अभी भी वैसे है खड़ी,मेरे मन मस्तिष्क में अड़ीस्मृतियों के झरोखे में भली,मेरे पिता जी की साईकल। काली चमकती है साईकल,कहते मात-पिता ओ मेरी परीबालपन खूब सवारी हो करी,मेरे पिता जी की ये साईकल। लगी थी आगे-पीछे बत्ती,अंधेरे में खूब रोशनी करतीट्रिंग-ट्रिंग … Read more

थी हमारी ख़ुशियों का खज़ाना…

मधु मिश्रानुआपाड़ा(ओडिशा)******************************** मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. कुछ ख़ुशियाँ हमारी अभिव्यक्ति से परे होती हैं,जीते हैं शान से ऐसी,सपनों की ज़मी होती है…। बचपन में पिताजी की साइकिल का,करते थे इंतज़ार…साइकिल चलाना जब सीखते तो कैंची थी शानदार…। उस ख़ुशी को लिख पाना तो है ही नहीं आसान,बच्चों के लिए वो पल तो,था … Read more