आई है होली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** आई है होली- भूल के नफ़रत, करो ठिठोलीl उमड़ा प्यार- जब हुई रंगों की, यहाँ बौछारl बजा मृदंग- तू थोड़ा-सा झूम ले, दोस्तों…

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मन से बैर का मैल छुड़ाओ

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* नाचो झूमो,गीत गाओ, होली का त्योहार मनाओ। हो अबीर-गुलाल की बरसात, फिज़ा बहुत रंगीन बनाओ। मन से बैर का मैल छुड़ाओ, प्यार करो सब पर बरसाओ।…

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बुरा न मानो होली है

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** बुरा न मानो होली है, आज ना कोई हमजोली है। सबके दिलों में द्वेष और, मुँह पर मीठी बोली है। बुरा न मानो... आजकल…

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सदभावना की हो हरियाली

सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) ************************************************************** फाल्गुन मास का संदेश, ज्यों प्रकृति में आई बहार चित्त में सदभावना की हो, हरियाली,सुख-शांति की बहारl प्रकृति पुरुष का हुआ मिलन, प्रेम का चित्त में…

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प्रेमाकर्षण

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) ********************************************************** यह प्रेम नहीं,आकर्षण है, तन-मन का घर्षण है... प्रेम पूजा है,जाप है आकर्षण अभिशाप है... मन से मन जब घुले-मिले तब प्रेम की कली खिले।…

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वृन्दावन की होली

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** कृष्ण के संग होली खेले राधा क्यों मुस्काई रे, वृन्दावन में होड़ मची है हुड़दंग होली आयो रे। ढोल-नगाड़े लाल गुलाब मटका फोड़ बजायो रे, होली…

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मज़े लो होली में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** 'कोरोना' की मार मज़े लो होली में, करे पड़ोसन प्यार मज़े लो होली में। सभी जगह है अफरा-तफरी मची हुई, हिंसा है हथियार मज़े…

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सतरंगी गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल, रंग हुआ लाल... पीली सरसों, नारंगी पलाश... भूले मलाल, भूले मलाल... आज ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल... रंग हुआ लाल..। मदमस्त हुआ…

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तो समझो आ गई होली

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* लगाए जख्म में मरहम, वही होती मधुर बोली। हँसाती,गुदगुदाती,छेड़ती, महके ओ हमजोली॥ यूँ तो जीवन हुआ पतझड़, औऱ काँटों भरी राहें। अगर मधुमास दिख जाए, तो…

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गुलाली होली

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं। हमारे भारत वर्ष को त्योहारों और पर्वों का देश भी कहा जाता है,क्योंकि यहाँ हर रोज कोई-ना-कोई त्योहार…

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