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मन से बैर का मैल छुड़ाओ

गरिमा पंत 
लखनऊ(उत्तरप्रदेश)

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नाचो झूमो,गीत गाओ,
होली का त्योहार मनाओ।
हो अबीर-गुलाल की बरसात,
फिज़ा बहुत रंगीन बनाओ।

मन से बैर का मैल छुड़ाओ,
प्यार करो सब पर बरसाओ।
सभी स्वजन के चेहरे पर,
प्यार का अपने रंग चढ़ाओ।

सब यहीं रह जाता है,
प्रेम ही साथ जाता हैl
सराबोर रंगों से कर दो,
फिर गुझिया-पापड़ चखाओ।

मस्तानों की आई टोली,
बोल रहे सब होली होली।
भाईचारा,अमन रहेगा,
नफ़रत की ना हो बोलीll

परिचय-गरिमा पंत की जन्म तारीख-२६ अप्रैल १९७४ और जन्म स्थान देवरिया है। वर्तमान में लखनऊ में ही स्थाई निवास है। हिंदी-अंग्रेजी भाषा जानने वाली गरिमा पंत का संबंध उत्तर प्रदेश राज्य से है। शिक्षा-एम.बी.ए.और कार्यक्षेत्र-नौकरी(अध्यापिका)है। सामाजिक गतिविधि में सक्रिय गरिमा पंत की कई रचनाएँ समाचार पत्रों में छपी हैं। २००९ में किताब ‘स्वाति की बूंदें’ का प्रकाशन हुआ है। ब्लाग पर भी सक्रिय हैं।

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