`बंबई` के `मुंबई` बनने तक बहुत कुछ बदला…..

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** `बंबई` के `मुंबई` बनने के रास्ते शायद इतने जटिल और घुमावदार नहीं होंगे,जितनी मुश्किल मेरी दूसरी मुंबई यात्रा रही...l महज ११ साल का…

0 Comments

कुनबा

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* कुुनबा- बातें बीती वक्त भी,प्रेम प्रीत प्राचीन। था कुनबा सब साथ थे,एकल अर्वाचीन। एकल अर्वाचीन,हुए परिवारी सारे। कुनबे अब इतिहास,पराये पितर हमारे। शर्मा बाबू लाल,घात प्रतिघात…

0 Comments

उड़े अबीर-गुलाल

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** रंग-बिरंगी होली आई,उड़े अबीर-गुलाल, जोगीरा सारा रा रा, पहली पहली होली में,जीजू आए ससुराल। रुई भर-भर के पूरी पकाई,चाय में डाली मिर्ची लाल, जोगीरा सारा रा…

0 Comments

मेरी तमन्ना

डॉ.विजय कुमार ‘पुरी’ कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)  *********************************************************** लड़की वह गोरी होय,भरी हुई तिजोरी होए, पढ़ी भरपूर होए भई,हो जैसे कोई नायिका। रहे मुझको निहारती,पपीहे-सी पुकारती, हो जाऊं मैं शरारती,बन भँवरा…

0 Comments

सम्मान

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* एक नारी दूसरी नारी को समझेगी, तब सम्मान की बगिया खिलेगी। खुशी से निभाओ अपना हर फर्ज, आँसू का सूद समेत चुकाना कर्ज। मानती हूँ…

0 Comments

लोकतंत्र की मजबूती और कमजोर विपक्ष

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’ बहादुरगढ़(हरियाणा) *********************************************************************** लोकतंत्र की सफलता,महत्व और उपयोगिता इसी में है कि वहाँ का हर नागरिक स्वयं को व्यवस्था का अटूट हिस्सा अनुभव करे। भारत जैसे विविधताओं से…

0 Comments

इच्छा

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* आदमी की हसरतों का कोई अंत नहीं, एक पूरी हुई नहीं कि दूसरी उत्पन हो जाती है, और हसरतों को पूरी करने में,…

0 Comments

गुड़िया की होली

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** रंग-बिरंगे सभी ओर जी,हरियाली है छाई, फागुन की होली है देखो,गुड़िया रंग है लाई। घूम-घूम के खेले होली,सबको रंग लगाया, पापा के संग गुड़िया…

0 Comments

मौत से लड़ना क्या

रूपेश कुमार सिवान(बिहार)  ******************************************************** मौत से लड़ना क्या, मौत तो एक बहाना है जिन्दगी के पन्नों में, कब क्या हो जाए... ये न तो मैं जानता,न तुम...। उल्फत न मिलती,…

0 Comments

संग तेरे

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** संग तेरे प्यार की इक राह मिल गई, जिंदगी जीने की पहचान मिल गई। संग तेरे प्यार... कट रहे थे पल हमारे जैसे अंधेरी रात, तुमने…

0 Comments