दु:ख से न घबराना

मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश)  ***************************************** दु:ख से मनवा क्या घबराना,सुख में मनवा न पोमानासुख-दु:ख तो जीवन का क्रम है,एक आना-एक जाना।दुःख में मनवा न घबराना… बाँध सके जो दु:ख में,मन कोपहचाना…

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गौरव गाथा सदा वीरता

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************** स्वर्णिम गाथा अमर वीरता,युग-युग तक जयगान करेंगी।भारत माँ के वीर सपूतों,जन-मन भारत याद रखेंगी॥ इन्द्रधनुष सतरंग वीरता,कुर्बानों का चमन सजेंगी।भारत माँ का शौर्य शान…

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अपने तक सीमित हैं सारे

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* दिल छोटे,पर मक़ां हैं बड़े,सारे भाई न्यारे।अपने तक सीमित हैं सारे,नहीं परस्पर प्यारे॥ दद्दा-अम्मां हो गये बोझा,कौन रखे अब उनको।टूटे छप्पर रात गुज़ारें,परछी में हैं…

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जन-गण-मन की भाषा…करें विचार

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)**************************************************** समग्र राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। गण का अर्थ है समूह। भारत की शासन व्यवस्था जनतांत्रिक है,लेकिन जनता सीधे शासन नहीं करती बल्कि उसके चुने…

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तिरंगा प्यारा

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** सुनो मेरे देशवासियों,मनाने जा रहे७२वां गणतंत्र दिवस,कुछ संकल्प ले लो।नहीं करेंगे कोई भेद,हम जाति और धर्म परसमान भाव सबके प्रति,हम सब रखेंगे मिलकर।तभी हमारा ये देश,दिखेगा विश्व…

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आओ लें हम सब शपथ

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** आओ लें हम सब शपथ,करना है मतदान।धूल चटा देंगे उन्हें,जो हैं धूर्त महान॥जो हैं धूर्त महान,उन्हीं से बचकर रहना।नेता चुनना श्रेष्ठ,यही है 'शिव' का कहना॥लोकतंत्र का…

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उड़े तिरंगा

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. पूरे भारत देश में,उड़े तिरंगा आज।रंग-बिरंगा आसमां,हमको तुम पर नाज॥हमको तुम पर नाज,गीत खुशियों के गाते।धरा हमारी शान,साथ झंडा फहराते॥झूमे-नाचे…

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प्रेम-पागलपन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** प्रति व्यक्ति दायरे में बन्ददायरा है वासनाओं का,घिरते अपने ही बुने जाल मेंफंसते-धँसते हुएये तन-मन। वासनाएँ अर्थ काम या मोक्षकभी मान कभी जन गुमान,जीवन जीने की या मृत्यु…

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कहाँ है सुकुमार ?

ऋचा सिन्हानवी मुंबई(महाराष्ट्र)************************* वो हर रोज़ जाती है तालाब के किनारेबेचैन-सी ढूँढ रही है अपने सुकुमार को,जो वादा कर गया था कल आने कापर कल नहीं आया एक लम्बा अरसा…

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कमजोर न समझो

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** कमजोर न समझोवृद्ध हाड़-माँस की काया को,लहू रगों में जवानी-साआज भी उफनता है। करने पड़े जो दो-दो हाथआए कभी ऐसा समय,बुलंद बाजू और हौंसलाआज भी…

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