जन विमुख जनतन्त्र
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय *************************************************************** २६ जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस,ठीक वैसे ही जैसे ५ महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता दिवस। ये दोनों हमारे जन्म से…
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय *************************************************************** २६ जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस,ठीक वैसे ही जैसे ५ महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता दिवस। ये दोनों हमारे जन्म से…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************** नये वर्ष की पावन बेला,चहुँदिशि खुशियाँ छाई है।देखो जल थल नभ में सारे,अरुणाई घिर आई हैll पंछी कलरव करते देखो,नव प्रभात की बेला में।घूम रहे…
आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** सुखमय सुरभित जीवन होवे,मनुज हृदय में प्यार हो।मृदुवाणी के मधुर स्वरों से,मनुज स्वप्न साकार होll कर्म-धर्म का पथ हो सच्चा,जग में नित सम्मान हो,स्थान बनाएँ अंतस…
श्रीमती अर्चना जैनदिल्ली(भारत)**************************** काव्य संग्रह-हम और तुम से… तुमसे मिलने की सदियों से मन में लगन,मैं धरा,तू गगन…कैसे होगा मिलन ? देख आकुल तुझे जब भी रोए नयन,लोग कहते हैं…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)******************************************** साथ उसका बड़ा ही प्यारा था।मेरे जीने का जो सहारा था। मन्नतें मांग कर जिन्हें पाया,वो मेरी किश्ती का किनारा था। वो जमीं पर ख़ुदा की सूरत है,यार…
ललित गर्गदिल्ली ************************************** नए वर्ष का स्वागत हम इस सोच और संकल्प के साथ करें कि हमें कोरोना महामारी को अलविदा कहते हुए कुछ नया करना है,नया बनना है,नए पदचिह्न…
जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कैसे बीता साल पुराना मत पूछो,बैठे-बैठे खाल खुजाना मत पूछो। माह जनवरी बीता उसके स्वागत में,और फरवरी का घट रीता दावत मेंदेख कोरोना मार्च महीना घबराया,कर्फ्यू…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली*********************************************** तेरे जाने से सभी हैं खुश हो रहे,सुन जाने वाले दो हजार बीस। बहुत रूलाया तूने हम सबको,तुम तो निकले पूरे चार सौ बीसl आना नहीं कोई नया…
रोशनी दीक्षितबिलासपुर(छत्तीसगढ़)************************************************ नव वर्ष नये साल का कैसे मनाऊँ जश्न,क्या यही हमारी रीत है ? मन में उठता है प्रश्न।सोचिए,विचारिए,करिए तनिक चिंतन… देख नयन में नीर भरे हैं,ये किस राह…
सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)************************************************** ये सब जो हो रहा है क्या वतन से ये मुहब्बत है।यहाँ देहक़ान पर ये हो रही कैसी सियासत है। वज़ूद अपना किया मिट्टी…