असली सौन्दर्य

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  ************************************************** जब यह तन अचल होता है, तभी मन का भ्रम मिटता है। वह चमक-दमक वह चिकनी चमड़ी, सिकुड़ फूलकर बेढंग दिखता हैll सारे लेप इत्र की खुशबू, पल-पल तन से दूर हटता है। तब चूमने वाला होंठ भी, उल्टी पर उल्टी करता हैll सत्य समझ आता है उसी … Read more

दिल मिलाना चाहिए

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचना शिल्प:बह्र/अर्कान-२१२२×३-२१२-फाइलातुन×३-फाउलुन) सिलसिला यारी निभाने का चलाना चाहिए। टूटने वाले दिलों को भी मिलाना चाहिए। क्यों हुए तन्हा जमाने में कई हैं शख़्स जो, उन ख़ताओं का पता हमको लगाना चाहिए। ज़िन्दगी शिकवा-ग़िला में कीजिए जाया नहीं, फ़र्ज जो इंसानियत का वो निभाना चाहिए। हम यतीमों के मसीहा भी बनें … Read more

महान भारत

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** कुदरत का उपहार स्वरूपा जन्मे थे जहाँ मनू-सतरूपा। बुद्ध जी दिल से दया है बहाई हमें गर्व है उन महापुरुषों पर, हम जिनकी अच्छी संतान हैं। कान्हा ने मधुर बंशी है बजाई, बंशी की मीठी और मधुर तान है। इसीलिए तो,अपना भारत महान है॥ नदियाँ बहकर हरियाली भर दें शीत … Read more

मस्ती फागुन की

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  *********************************************************************************- मौसम खिल उठा बहारों से तन-मन में खुशियाँ छायी है, पुरवईया चलने लगी, मस्ती फागुन की छायी हैl मस्तों की टोली निकल पड़ी हर दिल मस्ती से झूम उठा, हाथों में रंग-गुलाल लिये ननन्द,देवर,भौजाई हैl अम्बर में बिखरे रंग कई ये आसमान भी लाल हुआ, और इन्द्रधनुष जैसी नभ … Read more

होली

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** होली की हुड़दंग में,डूब न जाना यार। मजे-मजे से आप भी,खूब मना त्यौहार॥ गिले-शिकवे भूल कर,रंग प्यार का खेल। दुश्मन से भी प्रेम से,कर लेना जी मेल॥ होली का त्यौहार है,गूँज रहे हैं फाग। ढोल नगारा संग में,छेड़ रहे हैं राग॥ देख हवा मदमस्त है,छायी रूत खुमार। मौसम … Read more

कवि दुर्गेश राव सम्मानित

जबलपुर। विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर (मध्यप्रदेश) द्वारा युवा कवि दुर्गेश राव को ‘हिंदी सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कवि आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी ने आपको यह सम्मान हिन्दी में लेखन सेवा के लिए दिया है। मनासा जिला नीमच (मध्य प्रदेश) निवासी दुर्गेश राव(वर्तमान निवास इंदौर) को इस उपलब्धि के लिए सभी मित्रों ने शुभकामनाएं दी … Read more

बदलेगी दशा व दिशा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** स्वयं घर परिवार नहीं,निरामीष परिवेश। वतनपरस्ती में लगा,है प्रधान इस देश॥ वोट बैंक के जाल में,फँसा धर्म निरपेक्ष। एक धर्म की आड़ में,बँटा देश परिपेक्ष॥ कैसा ये गठजोड़ है,कौन सियासी चाल। आतंकी करता सबल,इच्छुक मालामाल॥ गाली दे दे एक को,न थकते हैं गाल। है प्रधान बस दृढ़ पथी,देश … Read more

हवा हूँ

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** हवा हूँ,हवा हूँ ठंडी हवा हूँ, चलती हूँ ऐसे मस्तानी जैसी। कुदरत ने हमें बनाया पूरी रफ्तार में हमें उड़ाया, कभी खुशिया बाँटी तो कभी गम को बिखेरा। इस जहाँ में आई सरगम लुटाई, चमकी आसमान में धरा पर बूंदें गिराई। कभी दीदार बन के उभरी तो कभी मौसम को बदला, … Read more

कुदरत से ही खेल रहे…

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** कैसे-कैसे हुए प्रदूषण,कैसे हम सब झेल रहे हैं, निजी स्वार्थ में जाने क्यूँ हम,कुदरत से ही खेल रहे हैं। वायु प्रदूषण देखा हमने,और प्रदूषित जल देखा, बीज जो हमनें बोए थे अब,आज उन्हीं का फल देखा। नई-नई बीमारी देखी,नए-नए उपचार दिखे, कहीं-कहीं तो सचमुच ही हम,बिलकुल ही लाचार दिखे। दोष … Read more

फागुन आया

निशा निइ्क ‘ख्याति’ दिल्ली ******************************************************************** अब तो फागुन आया पिया इश्क़ का रंग लगा दे मुझे, अम्बिया पे चढ़ गये मंजर वो इश्क़ का जाम पी आया। क्यों इस क़दर तूने मुझे सताया क्यों इतना बेपरवाह दिखाया, जब जाती हूँ खेतों से अहरारी भी हँसती है। ले के फूल मोहबत के खुद पे इतराती है, … Read more