क्रांतिकारी धर्मगुरु व राष्ट्र निर्माता रहे स्वामी दयानन्द सरस्वती

ललित गर्गदिल्ली************************************** जन्म जयन्ती-१२ फरवरी विशेष... स्वामी दयानन्द सरस्वती ऐसे दिव्य महापुरुष हैं, जिन्होंने समाज-सुधार एवं आडम्बर मुक्ति का आलोक ही नहीं फैलाया, बल्कि राष्ट्र-निर्माण में अपूर्व योगदान दिया। उनकी…

0 Comments

‘हिन्द शिरोमणि सम्मान’ से डॉ. अरविन्द जैन सम्मानित

भोपाल (मप्र)। भव्या फाउंडेशन (जयपुर) द्वारा भोपाल के वरिष्ठ चिकित्सक व उपन्यासकार डॉ. अरविन्द जैन को उनकी उल्लेखनीय साहित्य सेवाओं और प्रेरक रचनात्मक कार्यों के लिए 'हिन्द शिरोमणि सम्मान' से…

0 Comments

काश! मैं अंधा होता….

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** काश! मैं अंधा होता तो,नहीं देख पाता इनकुटिल और हृदय से,गंदे इंसानों को। काश! मैं अंधा होता तोनहीं देख पाता समाज में,अभद्र परम्पराओं को। काश! मैं…

0 Comments

‘निराला’ की जयन्ती पर हुई संगोष्ठी

अयोध्या (उप्र)। गणतंत्र दिवस व बसंत पंचमी पर्व के अवसर पर राष्ट्रवादी लेखक संघ के तत्वाधान में सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की जयन्ती के अवसर पर 'महाप्राण निराला का व्यक्तित्व एवं…

0 Comments

हम मरे !

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** लोग जीते गये, जीते गये, जीते गये,कि एक दिन मर जायेंगेहम मरते गये, मरते गये, मरते गये,कि जियेंगे शायद कभी…मरते हुए हर बार,अपनी बची ज़िन्दगी खत्म…

0 Comments

मुकदमा खड़ा है…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** दिल है कि बात मानता ही नहीं,जज़्बाती जिद्दी ज़िद पे अड़ा है। कहता रहता है 'आल इस वेल',और खुद से ही खुद पर लड़ा है। सब पता…

0 Comments

जय-जय भारत देश

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जय-जय भारत देश हो, बढ़े तुम्हारा मान,सारे जग में श्रेष्ठ है, कदम-कदम उत्थान।धर्म,नीति,शिक्षा प्रखर, बाँटा सबको ज्ञान-भारत की अभिवंदना, दमके सूर्य समान॥ तीन रंग की चुनरी,…

0 Comments

आगे बढ़ती नारी

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* छोड़ चुकी है चार दिवारी।आगे बढ़ती अब की नारी। लगती है जब ज़र्ब करारी।दुश्मन माने तब ही हारी। भारत वर्ष सभी हैं कहते,ये धरती…

0 Comments

रात की आयु कुछ ढल गई…

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ दीप में वर्तिका जल गई।रात की आयु कुछ ढल गई॥ कुछ अँधेरे में ही कट गई,दीप की ज्योति में कुछ कटेगीरात जीवन की साथी नहीं,देखते-देखते पौ फटेगी।है प्रकृति…

0 Comments

ज़िन्दगी को मान ले…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* ज़िन्दगी को मान ले जग की धरोहर।बन्दगी के ज्ञान से बन जा सरोवर। मिट न जाए वक्त तेरा मन बना ले,उम्र की मोहलत मिली इसको…

0 Comments