आओ राम

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* आओ राम धरा पर आओ,फिर से अपना धनुष उठाओ। कदम-कदम पर रावण बैठा,इस दुनिया को राम बचाओ। पावन कर दो इस धरती को,भटके जन को राह…

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राम बसे हैं मेरे मन में

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* ये गाथा है प्रभु राम की,अयोध्या में मंदिर निर्माण कीकितनी शताब्दी बीती इस संघर्ष मेंअब बसे हैं रामलला नव देवालय में,भक्ति में डूबे चल पड़े सब…

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मेरी बदकिस्मती

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** मेरी बदकिस्मती की,हवा ज़रा-सी क्या चलीबिना कुछ जाने-समझे,तुमने साथ ही छोड़ दिया। जब चाहा खेलती रही,मेरे जज़्बातों सेजब दिल भर आया तो,दिल ही तोड़ दिया। बेबुनियादी बातों…

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संघर्ष, समर्पण एवं शौर्य की गाथाओं का नाम ‘नेताजी’

ललित गर्ग दिल्ली************************************** सुभाषचन्द्र बोस जन्म जयन्ती (२३ जनवरी) विशेष... भारतीय इतिहास में सुभाष चंद्र बोस ऐसे महानायक हैं, जो किसी पहचान के मोहताज नहीं। नेताजी का नारा ‘तुम मुझे…

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मंदिर में विराजे राम लला

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** शुभ घड़ी, शुभ दिन साजे,मंदिर में रामलला विराजे। हर्ष उल्लास से मन खिले,हर चेहरा जैसे फूल खिलेघर दीप रोशनी से सजे,मंदिर में रामलला विराजे। आस्था मन की राम…

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भारत में भारत की भाषा क्यों नहीं चल सकती ?

वैश्विक संगोष्ठी में हुआ हिन्दी सेवार्थ संस्थापक-सम्पादक अजय जैन 'विकल्प' का सम्मान इन्दौर (मप्र)। जापान में जापानी चल सकती है, चीन में चीनी भाषा चल सकती है तो भारत में…

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धारें सीता-राम जी के चरणों का ध्यान

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** अयोध्या में रामलला के विराजमान होते ही कलयुग में हर उस भाग्यशाली सनातनी को खुशियों के क्षण मिल गए हैं, जिसकी प्रतीक्षा में ५…

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राम आए हैं

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* राम आए हैं, प्रभु श्रीराम आए,है जय श्रीराम आए हैंअयोध्या के राजा, सारे विश्व के मालिक राम आए हैं। आओ सब सखियाँ मिल, गाओ…

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आज़ादी के मतवाले थे

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती (२३ जनवरी) विशेष... धरती हो या आकाश, नेताजी सुभाष,आज़ादी का दमदार प्रयास वीर सुभाषजनता का अटूट विश्वास, 'जय हिंद' नारा…

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पानी के बिना क्या करेंगे ? कहानी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** "इस दुनिया से जाने से पहले मैं १ लाख झीलों में दोबारा जान फूँकना चाहता हूँ।" यह कहने वाला कौन था ?" दादी ने अपने पोते-पोतियों से…

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