प्यारा- दुलारा भारत तंत्र

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारी... २६ जनवरी सन् १९५० को,देश में लागू हुआ अपना तंत्रजिसे ही हम कहते हैं गणतंत्र। अपने अनुसार संविधान बना,लागू…

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२६ जनवरी पावन बेला

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारियां.... जिन सूरमाओं ने रक्तिम रंग से, खेली क्रांति की होली थीभारत की स्वतंत्रता खातिर, खाई वक्ष स्थल में गोली थीइंकलाब की…

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आधुनिक हिन्दी के बने पालनहार

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** महाकवि जयशंकर प्रसाद जयंती विशेष.... कण-कण शंकर, जय जय शिव शंकर,सराय गोवर्धन में जन्मे कवि 'जयशंकर'छायावादी युग कवि काशी के जयशंकर,नाटक, कहानी, उपन्यास लिखते रहे…

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राष्ट्र एकता प्रथम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* राष्ट्र एकता प्रथमतः, लोकतंत्र का ध्येय।सार्वभौम गणतंत्र में, संविधान है गेय॥ धर्म प्रथम कर्त्तव्य निज, पालन है अधिकार।इम्तिहान हर कर्म फल, मानक है सरकार॥…

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सामाजिक व्यवस्था में मूलभूत संशोधन की आवश्यकता

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारी... प्रथम तो हमें स्वतंत्रता का अर्थ समझना होगा, तभी हम अपनी जिम्मेदारी समझ सकते हैं। दशकों पहले स्वतंत्रता का अर्थ 'जिओ और जीने…

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शबनम की बूंद मेरी नंदिनी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* बरसों पहले घर-आँगन महक उठा,नव वर्ष का मंगलमय दिन गूंज उठामेरी गोद में एक प्यारी गुड़िया चहक उठी,बगिया में जैसे कोयल की मीठी कूक उठी। तितली…

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लगातार प्रयासों से ही हमारा देश कहलाएगा विश्व गुरु

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारियाँ... हमारे देश की स्वतंत्रता हमें विरासत में नही मिली। यह स्वतंत्रता सैंकड़ों वर्षों की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के…

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गांधी स्मृति पुरस्कार से डॉ. सुशीला सालगिया पुरस्कृत

रतलाम (मप्र)। शीतल धाम रतलाम में भगवान आदिनाथ जिनबिम्ब तथा जिनालय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महामस्तकाभिषेक महोत्सव के अवसर पर पूर्व प्राचार्या डॉ. सुशीला सालगिया को उनकी वृहद साहित्य सेवा के…

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८ हजार पृष्ठ वाली ‘गिरीश पंकज रचनावली’ प्रकाशित

रायपुर (छ्ग)। हिंदी साहित्य में रचनावली प्रकाशन की एक परम्परा है, जिसमें किसी लेखक का समग्र लेखन समाहित हो जाता है। इसी परम्परा में पिछले ४५ वर्ष से साहित्य और…

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आत्म-अवलोकन की आवश्यकता

डॉ. चंद्रा सायताइंदौर (मध्यप्रदेश )************************* स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारियाँ.... क्या हम जानते हैं कि, मुख्य शीर्षक से ही २ प्रकार के प्रश्न हमारे सामने आते हैं, पहला है स्वतंत्र…

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