कोई मीठा गान नहीं है

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ जीवन से बढ़ इस जगती में,कोई मीठा गान नहीं है। गीतकार है नियति सनातन,और गीत है अपना जीवन।गाते जाओ इस जीवन को,गायक बन कर ऐ जग चेतन।सुनने को तारे हैं ऊपर,सारा जग वीरान नहीं है…॥ सुख इसका आरोह निराला,दु:ख इसका अवरोह मधुरतम।घटनाएँ हैं संगति करतीं,आशाएँ हैं इसका सरगम।उठती स्वयं गगन से अविरल,ऐसी ऊँची … Read more

जल ही जीवन

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जल ढलानों को बहे ये न शिखर को जाने।जल ही जीवन है मगर कद्र न जीवन माने।जल ढलानों पे बहे प्यार धरातल को दे,इस अदा पर ही कदर जल की न जीवन मानेंं।जल ढलानों को बहे…॥ दास्तां खुद ही कहे जल ये सुनो क्या कहता,मैं हुआ दर से बदर … Read more

दूर करो माँ बंदिश

रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ माँ से माँगो आशीष हम सबके लिये।दूर करो माँ बंदिश हम सबके लिये।अपने ही घर कैद होकर रह गए,घूमने की हो ख़्वाहिश हम सबके लिये। माँ है भगवान,सभी बच्चों के लिये,माँ है वरदान सभी बच्चों के लिये।मेरी भी विनती सुन लो माँ ज़रा,दे दो मुझको भी दान सेहत का ज़रा। माँ से माँगों … Read more

कभी अशुभ बोलें नहीं

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कभी अशुभ बोलें नहीं,हो जाता आह्वान।अपना हृदय पवित्र हो,ये ही सच्चा ज्ञान॥ स्वयं आप में झाँकिये,कैसा है व्यवहार,धर्म कर्म की राह पर,किया कभी उद्धार।स्वयं प्रशंसा आप कर,रखते झूठी शान,कभी अशुभ बोलें नहीं,हो जाता आह्वान…॥ औरों के भी झूठ पर,सदा दिखाएँ राह,मृदुवाणी ही बोलिए,कभी न होवें डाह।सबसे बढ़कर बोल है,इसका ही है … Read more

भगवा रंग बोलेगा…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार १६-१५ भारती के लाल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा।दुश्मनों के काल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा॥ चढ़ाये शीश हँस-हँसकर,निडर हो माँ के चरणों में।वो माँ के ढाल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा॥भारती के लाल कैसे थे… जो केहरि बनके तोड़े थे,गुलामी की जंजीरों को।वो समर के साल कैसे थे,ये भगवा … Read more

चंचल-चपला चंद्रमुखी

सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* चंचल-चपला-सी चंद्रमुखी,फूलों-सी लगे महकी-महकी।गुलमोहर-सा सिंदूरी बदन,हिये प्रीत अगन दहकी-दहकी॥ निकसी श्रृंगार किए घर से,अपने प्रीतम से मिलने को।गुलनार सुघड़ मनमोहिनी-सी,भावों से भरी गहकी-गहकी॥चंचल-चपला-सी… रसना से मौन लिए गौरीअधरन पर प्यास छुपाये हुए।कजरारी-सी बिखरे अलकें,मतवारी लगे बहकी-बहकी॥चंचल-चपला-सी… अल्हड़-अलबेली बावरी-सी,यौवन में चूर हुई अपने।अँखियन से इत-उत को ताँके,पंछी-सी लगे चहकी-चहकी॥चंचल-चपला-सी… बिंदिया दमके घन बिजुरी-सी,झूमे … Read more

हे! भोलेभंडारी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************** हे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो।करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो॥ तुम तो हो भोले भंडारी,हो सचमुच वरदानीभक्त तुम्हारे असुर और सुर,हैं सँग मातु भवानी।यही कामना करता हूँ शिव,मम् जीवन में लय हो,करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो…॥ लिपटे गले भुजंग अनेकों,माथ मातु गंगा हैजिसने भी पूजा हे स्वामी,उसका … Read more

उड़ जा नील गगन में

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ ले मन पंछी तुझे छोड़ती,उड़ जा नील गगन में।लेकिन लौट पुन: आ जाना,अपने इसी सदन में॥ले जा एक संदेशा मेरारे आज़ाद मुसाफिरकहना चंदा से,वह भेजे,सपने मेरे ख़ातिर।सपनों से है प्यार मुझे रे,सुख है नहीं मिलन में…॥ प्रीतम के बहुरूपी सपने,गीत सुनाते आतेमेरे दिल के तार उन्हें सुन,खुद सितार बन जाते।मेरा प्यार गूंजता राही,तब … Read more

धरती माँ व्याकुल

तृषा द्विवेदी ‘मेघ’उन्नाव(उत्तर प्रदेश)***************************************** आदि शक्ति हे जग जननी माँ,पीड़ाओं को हरिये आकर।धरती माँ व्याकुल रहती है,अंत पाप का करिये आकर। अंतर्मन अब हार रहा है, lमन को धीर दिलाऊँ कैसे,घोर निराशा व्यापी जग में,आशा ज्योति जलाऊँ कैसे।धर्म समर में मातु विराजो,रूप कालिका धरिये आकर,धरती माँ व्याकुल रहती है,अंत पाप का करिये आकर…॥ डरी-डरी क्यों … Read more

साथ तुम्हारा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************** हर पल साथ तुम्हारा हो,तेरा मुझे सहारा हो।तुमसे बढ़कर और नहीं,तुझ तक जीवन सारा हो॥ मेरे प्रियवर,मेरे साथी,चाहत है बस तेरीतुझ तक सीमित मेरा जीवन,और भावना मेरीहर पल साथ तुम्हारा हो,बस तुझ पर दिल हारा हो,हर पल साथ तुम्हारा हो,तेरा मुझे सहारा हो…॥ गहन तिमिर में तू उजियारा,है वसंत की … Read more