सभी धुरी,माँ केन्द्र धरा की

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* सभी धुरी माँ केन्द्र धरा पर,नारी ही वरदान शान है।दिव्य किरण का तेज ओज वो,ईश्वर का अभिदान शान है॥ अनुपम निर्मल प्रेम धार से,करे सुरक्षा प्रेम सार है।कोख धरे नव जीव जन्म दे,अविरल बहती धरे प्यार है। सुरभित करती मानव जीवन,हृदय भाव का मधुर गान है।सभी धुरी माँ केन्द्र धरा पर,नारी … Read more

हे! भोले भंडारी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ************************************************ हे त्रिपुरारी,औघड़दानी,सदा आपकी जय हो।करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो॥ तुम तो हो भोले भंडारी,हो सचमुच वरदानी।भक्त तुम्हारे असुर और सुर,हैं सँग मातु भवानी।यही कामना करता हूँ शिव,मम् जीवन में लय हो,करो कृपा,करता हूँ वंदन,यश मेरा अक्षय हो…॥ लिपटे गले भुजंग अनेकों,माथ मातु गंगा है।जिसने भी पूजा हे स्वामी,उसका … Read more

तुमसे ही जिन्दगी है हमारी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:२२१ २१२ २१२ २तुम केन्द्र,हम धुरी हैं तुम्हारी,तुमसे ही जिन्दगी है हमारी।कहते सभी तुम्हें अबला नारी,तुम केन्द्र,हम…धुरी हैं तुम्हारी॥ सबको जनम तुमने दिया है,तुमने ही सबका पालन किया है।पर बात क्या जो सबला न नारी,कहते सभी हैं क्यूं अबला नारी।तुम केन्द्र,हम…॥ नौ माह कोख में … Read more

लौट सजन घर आए

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ये बसंत का मौसम आया,पर साजन अब तक नहीं आये,तारे गिन-गिन रात गुजारुँ,नींद नहीं पलभर भी आये।राह तक रही थी साजन की हर पल-हर छिन सांझ- सवेरे,धन्यवाद मधुमास तुम्हारा लौट सजन घर आये मेरे॥ बहन बनाकर के कुरजाँ को मैंने संदेशा भिजवाया,रोज सवेरे छत पर जाकर काला कौवा बहुत उड़ाया।साजन घर … Read more

कैसे बीता साल पुराना!

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कैसे बीता साल पुराना मत पूछो।बैठे-बैठे खाल खुजाना मत पूछो॥ माह जनवरी बीता उसके स्वागत में,और फरवरी का घट रीता दावत में।देख ‘कोरोना’ मार्च महीना घबराया,कर्फ्यू से वीरान हुई भारत काया।अप्रैल में फिर थाल बजाना मत पूछो,कैसे बीता साल पुराना मत पूछो…॥ मई महीने में भी दहशत छाई थी,कितने मजदूरों ने … Read more

भारती का श्रृंगार हिंदी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी।देश में सदभाव का आधार हिंदी॥ वेद से पैदा हुई है देव गण के वास जिसमें,शान से बोलो लिखो सब छंद के परिभाष इसमें।खास है सबके लिए उपहार है हिंदी,भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी॥ पर्वतों में गूंजती है … Read more

बौराया अम्बुवा…

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सरसों खिली बाग में पीत हो गये।बसंती रूत में गुल मीत हो गये॥ बौराया अम्बुवा पलाश खिल रहे,टेसू के रंगों से रंग मिल रहे।फागुनी राग में नवगीत हो गये,सरसों खिली…॥ रूत बसंत आज उल्लास भर रही,लताएं फूल से श्रृंगार कर रही।भंवरों की गुंजन के गीत हो गये,सरसों खिली…॥ निर्झर निनाद से अब … Read more

अमर शहीदों को श्रद्धांजलि

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** पुलवामां के अमर शहीदों की कुर्बानी याद करो,आँखों में अंगारे रक्खो दिल से यूँ ना आह भरो।किया पाक ने जो कुकर्म था बदला अभी चुकाना है,चौदह फरवरी सन् उन्नीस को हमको नहीं भुलाना है॥ वही आज का दिन है जिस दिन धोखा हुआ करारा था,घात लगा चालीस जवानों को दुश्मन ने … Read more

प्रतीक्षा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** करते-करते इंतजार अब सूख चुका आँखों का पानी,इस बहार के मौसम में भी मुझको लगती है वीरानी।दीवाना दिल बात न माने हरदम तेरा नाम पुकारे,राह निहारूँ तेरी साजन इंतजार में बाँह पसारे॥ युग बीते परदेस गये तुम भूल गये हो मुझको साजन,करूँ प्रतीक्षा कबसे बैठी बीत गये हैं कितने सावन।इक पल … Read more

गीत-देख सुखद मधुमास सखी री

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. इस विरहन की अमिट प्रीत वो,हृदय मिलन की आस सखी री।प्रेमिल मन आह्लाद हुआ अति,देख सुखद मधुमास सखी री॥ व्याकुल रहता है मन अक्सर,प्रेम मिलन की आस मुझे है।अंतर मन की पीड़ा हरने,आओगे विश्वास मुझे है।यहीं कहीं हो पास हमारे,बार-बार अवभास सखी री।इस विरहन की अमिट … Read more