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महासंग्राम में रचनाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति,किया सम्मानित

मधुपुर(झारखंड)।

अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम-साहित्योदय द्वारा आयोजित साप्ताहिक परिचर्चा सह अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन ‘साहित्योदय साहित्य संग्राम’ का सातवां अंक शानदार रहा। इसका उदघाटन प्रसिद्ध ओज कवि बेबाक़ जौनपुरी ने किया। उन्होंने कई शानदार गीत और दोहे सुनाए।
साहित्योदय संस्थापक प्रमुख पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि,साहित्योदय ने इस ‘कोरोना’ काल को साहित्य सृजनकाल में बदल दिया है। गत मार्च से ही ‘कोरोना से जंग साहित्योदय के संग’ अभियान जारी है, जिसमें अब तक कई ऑनलाइन काव्य पाठ हो चुके हैं।
आपने बताया कि,इस महासंग्राम में राष्ट्रीय कवि अजय अंजाम ने तालाबंदी की जिंदगी पर हास्य और व्यंग्य का जबरदस्त तड़का लगाया। दिल्ली से डॉ. अरुण पांडेय ने प्रेम और वीर रस की कविताएं सुनाई। दिल्ली की कवयित्री नीतू तिवारी ने प्रेम और श्रृंगार की वर्षा की तो हैदराबाद से सुदेष्णा सामान्त ने
तालाबंदी में प्रकृति के बदले नए रूप का दर्शन कराया। ऐसे ही जयपुर की अर्चना झा ने शिव आराधना प्रस्तुत की। दुबई से डॉ. मोनिका कौशल,मुम्बई से डॉ. कुमकुम वेदसेन ने भी अपनी बात रखी। अध्यक्ष कवि पंकज ‘प्रियम’ ने शानदार सन्चालन करते हुए मौजूदा परिस्थितियों पर ग़ज़ल और कविताएं पढ़ी। सभी रचनाकारों को ‘साहित्योदय संजीवनी’ सम्मान सहित साहित्योदय समीक्षक सम्मान,साहित्योदय साथी,सारथी सम्मान एवं साहित्योदय मार्गदर्शक सम्मान भी दिया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राकेश तिवारी, संजय करुणेश,जयप्रकाश राज और किशोरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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