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हिंदी नहीं तुम्हारे माथे की बिंदी

क्रिश बिस्वाल
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष….

भारत में बहुत है बोली,
उर्दू,फ़ारसी,ब्रज,मराठी
पर फिर भी राष्ट्रभाषा है हमारी हिंदी।
दिल से दिल और हाथ से हाथ मिलाओ,
और बस यही कहते जाओ
जय हिंद,जय हिंदी॥

करोड़ों को जिसने आज जोड़े रखा,
वो है हमारी हिंदी कथा
इसलिए हमारी मातृभाषा है हिंदी।
हिंदी को मत समझो इतनी सरल,
बस याद रखो तुम यह कथन
हिंदी नहीं तुम्हारे माथे की बिंदी॥

इंडिया कहो या हिंदुस्तान,
लेकिन हमारी पहचान है हमारी हिंदी महान
इसलिए चर्चित है विश्व में भारतीय हिंदी।
अंग्रेज़ भी करते हैं हिंदी की इतनी चर्चा,
कि,हर भारतीय को सुनकर होगी प्रशंसा।
इसलिए जान गया है हर कोई,
हिंदी कहना नहीं उनकी निंदा॥

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