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हिंदी का शब्द रखा जाए

मुद्दा-वेबिनार बनाम अपने शब्द

प्रो. विमलेश कांति वर्मा (दिल्ली)-

यह आवश्यक है कि हिंदी में वेबिनार के बजाए हिंदी का शब्द रखा जाए। इस समय जबकि सभी स्तरों पर बड़ी संख्या में वेबसाइट और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से संगोष्ठी आयोजित की जा रही है तो इस समय वेबिनार के बजाय हिंदी में इसके सर्वमान्य पर्याय को निर्धारित कर स्थापित करने का प्रयास सराहनीय है। कुछ लोग इसे वेब-संगोष्ठी कहने लगे हैं। इसे वेब संगोष्ठी कहना उचित नहीं है। इसका एक कारण तो यह है कि वेब शब्द हिंदी में उत्पादक शब्द नहीं होगा। सभी रूपों में इसका प्रयोग संभव नहीं है। मुझे लगता है कि वेबसाइट आधारित सेमिनार भी टेलीकॉन्फ्रेंसिंग ही है। जिस प्रकार कथित वेबिनार में ध्वनि के साथ चलचित्र भी होते हैं,उसी प्रकार टेली कॉन्फ्रेंसिंग में भी यह सब होता है। इसलिए दूरगोष्ठी ठीक है। विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों और उपसर्ग के रूप में प्रयोग की दृष्टि से इलेक्ट्रॉनिक शब्द का संक्षिप्त रूप ‘ई’ भी प्रयोग में लाया जा सकता है। विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में प्रयोग की दृष्टि से ‘ई’ अनुसर्ग को स्वीकार करें तो ई-संगोष्ठी शब्द भी स्वीकार किया जा सकता है।

प्रो.(डॉ.)कृष्ण कुमार गोस्वामी (दिल्ली)-

आपने वेबिनार के स्थान पर हिन्दी में ई-संगोष्ठी शब्द के प्रयोग का जो सुझाव दिया है, वह उपयुक्त लगता है। इलेक्ट्रोनिक का संक्षिप्तीकरण
‘ई’ है। किसी कार्यक्रम या वस्तु का परिचालन इलेक्ट्रोनिक यंत्र या प्रणाली या माध्यम से किया जाना ई-कार्यक्रम है;जैसे-ई-ग्रंथालय,ई-पुस्तक आदि। वेबिनार शब्द को वेब+सेमिनार को जोड़ कर बनाया गया है। अंग्रेज़ी ‘वेब’ शब्द का अर्थ होता है ‘जाल’। वेब शब्द वेबसाइट शब्द से आया है जिसका अभिप्राय है-“इन्टरनेट पर किसी संस्था या कम्पनी का सूचना केन्द्र।” इसको हिन्दी में वेबसाइट ही कहते हैं,लेकिन कुछ लोगों ने हिन्दी में इसका अनुवाद ‘संचार प्रौद्योगिकी’ भी किया है। इस दृष्टि से वेबिनार के लिए हिन्दी में न तो ‘जाल संगोष्ठी’ शब्द सटीक ,सरल और सहज बैठेगा और न ही ‘संचार संगोष्ठी।’
टेलीकॉन्फ्रेंसिंग में दूरसंचार प्रणाली से कई व्यक्तियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान होता है। इसे कई लोग ‘वेब-कॉन्फ्रेंस’ भी कहते हैं। यह एक प्रकार का छाता है जिसमें वेबिनार, वेबकास्ट,वेब-मीटिंग आदि आते हैं। इसके अंतर्गत फोन कॉन्फ्रेंसिंग,आडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी आते हैं। हिन्दी में कुछ लोग इसे दूर-सम्मेलन भी कहते हैं, क्योंकि अंग्रेज़ी के ‘टेली’ शब्द के लिए ‘दूर’ शब्द प्रचलित है। दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रमों के लिए ‘टेलिकास्ट’ शब्द का प्रयोग होता है। ‘सेमिनार’ शब्द का प्रयोग अधिकतर शैक्षिक वर्ग,विद्वत वर्ग अथवा शोधकर्ताओं द्वारा किसी विषय-विशेष अथवा अनुसंधानपरक विषयों पर केन्द्रित होता है। इसमें चर्चा-परिचर्चा,प्रश्नोत्तर, वाद-विवाद आदि होता है। सम्मेलन विभिन्न संदर्भों और अनेक विषयों पर चर्चा-परिचर्चा के लिए एक बहुत बड़े समूह या विशेषज्ञों या विद्वानों का होता है।

बालेंदु शर्मा दाधीच-

ई उपसर्ग का प्रयोग अब सामान्य हो चुका है-ई शिक्षा,ई- प्रशासन,ई-मेल आदि। इसी का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन गोष्ठी के लिए भी शब्द प्रचलित किया जा सकता है।
#डॉ.एस.एन. सिंह (बेंगलूर)-
वेबिनार शब्द ‘वेब’ और ‘सेमिनार’ के संयोग और संक्षिप्तीकरण का प्रतीक है। अंग्रेजी की दुनिया ने इस ‘कोरोना’ काल में विकल्प के रूप में गढ़ा है। हिंदी जगत में और मैं देख रहा हूँ कि हिंदी अकादमिक जगत में भी यह शब्द जस का तस अपना लिया गया है। एक उम्मीद थी कि बी एचयू वाले अपनी ऐसी गतिविधियों को वेबिनार के बजाय हिंदी नाम से अभिहित करेंगे,किंतु ऐसा नहीं हुआ। वैसे भी,हमारी अकादमिक दुनिया अब लीक पीटने के सिवा कुछ मौलिक कर भी कहाँ रही है। भाषा और हिंदी की चिंता तो उसकी प्राथमिकता से कब की विदा हो चुकी है। खैर…मेरी समझ से ‘इ’ या ‘ई’ इलेक्ट्रॉनिक सुविधा के प्रतीक हैं,जबकि वेब का अर्थ जाल होता है। सेमिनार का हिन्दी अनुवाद संगोष्ठी है। ऐसे में वेबिनार के लिए सही अर्थ बोधक और संक्षिप्त हिंदी संज्ञा होगी-‘वेब गोष्ठी।’ मेरा खयाल है कि अगर वेबिनार के लिए वेब गोष्ठी को पूरे हिंदी जगत में प्रचलित कर दिया जाए तो यह शब्द सटीकता और संक्षिप्तता के कारण चल जाएगा। हमें ऐसा करना चाहिए। प्रयास रहे कि ‘वेबिनार’ के हिंदी रूप के लिए ‘वेब गोष्ठी’ पर सहमति बन जाए। हालांकि मुझे इसमें संदेह है,क्योंकि हिंदी के लोगों में बाल की खाल निकालने की प्रवृत्ति ज्यादा है। वैसे मैं वेब गोष्ठी और उसके पर्याय के तौर पर वेबिनार – दोनों के पक्ष में हूँ। हिंदी में भी बाहरी शब्दों को संगृहित और अनुकूलित करने की प्रवृत्ति खूब है। यही प्रवृत्ति हिंदी को आगे और विपरीत से विपरीत समय में भी बचाए रखेगी। तो मेरे मत से वेबिनार=वेब गोष्ठी।

डाॅ.करुणाशंकर उपाध्याय (मुंबई)-

मेरे विचार से वेबिनार के स्थान पर ई-गोष्ठी शब्द अधिक उपयुक्त है। जब हिंदी में विकल्प उपलब्ध है तो हमें अंग्रेजी के द्विअर्थी शब्द प्रयोग से बचना चाहिए। यह देखने में आया है कि कुछ लोग मज़ाक में वेबिनार को ‘वेबी नारी’ कहने लगे हैं। ऐसी स्थिति में ई-गोष्ठी के प्रयोग द्वारा हम उक्त शब्दबंध की गरिमा बचा सकते हैं।

वरुण कुमार-

अंग्रेजी के ‘वेब’ और ‘सेमिनार’ दोनों ही कोई लंबे शब्द नहीं हैं फिर भी इनको जोड़कर उन्होंने एक छोटा शब्द बनाया ‘वेबिनार।’ अगर हम संजाल संगोष्ठी जैसा बड़ा पद रखते हैं तो फिर लाघव का मूल उद्देश्य ही तिरोहित हो जाता है। हमें तो छोटा करना चाहिए-जालोष्ठी, वेबोष्ठी। यह अजीब लगता है लेकिन सोच कर देखिए शुरू में ‘वेबिनार’ भी अजीब ही लगता होगा। अंग्रेजी के वेब और सेमिनार को जोड़कर बनाया गया वेबिनार,हिंदी वाले बड़े धड़ल्ले से इस शब्द का प्रयोग कर रहे हैं,गोया यह हिंदी का ही शब्द हो। विश्वविद्यालयों के बड़े-बड़े हिंदी विभाग वेबिनार ही करते हैं। जरा भी कोशिश नहीं कि इसका एक हिंदी समतुल्य बना लेंं। एक बड़े विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने पूरी वेबिनार की सूचना ही अंग्रेजी में बना ली।
मूल बात अपनी भाषा के प्रति प्रेम,अनुशासन और गंभीरता का भाव है। वरना जरा-सी कोशिश की जाए तो वेब गोष्ठी, वेब संगोष्ठी,ऑनलाइन संगोष्ठी आदि शब्द सहज ही सोचे जा सकते हैं और इनमें अधिकतर हिंदी के अनुकूल ही लगेंगे। मैंने अपनी रेल अकादमी में ‘वेब गोष्ठी’ का प्रयोग करने का सुझाव दिया। यह शब्द छोटा है और हिंदी के अनुकूल भी लगता है।

डॉ.आर.वी.सिंह(लखनऊ)-

‘ई’ संक्षेपाक्षर इलेक्ट्रॉनिक के लिए रूढ़ और भारत की प्रायः समस्त भाषाओं में प्रयुक्त होने लगा है। ई-पत्रिका,ई-संदेश,
ई-पुस्तकालय,ई-विपणन,ई-कार्ड,ई-संस्करण आदि अनेक पदों में इसका व्यवहार पहले से ही हो रहा है। इस नाते ई-संगोष्ठी पद युक्तियुक्त प्रतीत होता है। इसे सभी प्रयोक्ता सहजता और सरलता से प्रयोग कर सकते हैं।

डॉ. आशीष कंधवे-

मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हो रही है कि आपने वर्तमान में प्रचलित शब्द वेबिनार के स्थान पर ई-संगोष्ठी शब्द के प्रयोग और प्रचलन के लिए के लिए सार्थक प्रयास और तर्क भी दिए हैं। मैं आपके प्रयास का पूरी तरह से समर्थन करता हूँ और वेबिनार के स्थान पर ई-संगोष्ठी शब्द को ज्यादा उचित, प्रयोजनमूलक और सार्थक समझता हूँ। आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में वेबिनार के स्थान पर हिंदी संसार ई-संगोष्ठी शब्द का प्रयोग करेगा एवं ‘संगोष्ठी’ जैसे महत्वपूर्ण शब्द की उपयोगिता और प्रतिष्ठा को जीवित रखेगा।

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