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जीना चाहता हूँ

डोमन निषाद
बेमेतरा(छत्तीसगढ़)

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हर मुश्किल राह से,
लड़कर आगे जाना चाहता हूँ।
चाहे कितनी भी आफत आए,
दृढ़ संकल्प से मंजिल पाना चाहता हूँ।
मैं मरने के बाद भी,
जीना चाहता हूँ…॥

जग का नियम निराला है,
कोई यहां नहीं रहने वाला है।
रिश्ता बस मतलब का खेल है,
जिसे मैं समझाना चाहता हूँ।
मैं मरने के बाद भी,
जीना चाहता हूँ…॥

रीति-रिवाज में न करो भेद,
होता नहीं है सुखमय जीवन मेल।
कह गये विद्वान अपने विचारों में,
इसी कथन को बताना चाहता हूँ।
मैं मरने के बाद भी,
जीना चाहता हूँ…॥

ये वक्त है अनमोल
नहीं मिलता बार-बार।
कर लो सत्कर्म रोल,
बस यही फिल्म दिखाना चाहता हूँ।
मैं मरने के बाद भी,
जीना चाहता हूँ…॥

कई इतिहास देखे हैं,
कई इतिहास पढ़े हैं।
बहुत कुछ हैं यहां,
फिर भी कुछ कहना चाहता हूँ।
मैं मरने के बाद भी,
जीना चाहता हूँ…॥

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