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प्यार-मुहब्बत सब बेकार

क्रिश बिस्वाल
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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‘इश्क’ अगर किसी को हो जाए तो,
तो वह पागल कहलाता है
अगर न हो तो,
वह बेचारा लाचार कहलाता है।
मेरी नज़र में तो बेकार है
यह सब प्यार-मुहब्बत
ठुकरा दे अगर कोई तुम्हें,
खुद की जान ले लेते हो।
और अगर कोई कबूल कर ले,
तो उसके लिए जान दे देते हो
उसी प्यार के लिए,
ठुकरा देते हो अपनी माँ को।
वह माँ जिसने अपनी जान लगा दी,
तुम्हें संभालने को
जब तक तुम न समझो इस बात को,
दोगे तुम अपना सब कुछ खो।
मत पड़ो तुम इस चक्कर में,
बन जाओगे एक वहशी दरिंदे
मेरी मानो तो है बेकार ये,
प्यार-मुहब्बत सब।
जो जोड़ियां बनाता है,
वह है सिर्फ ऊपरवाला रब
होगा सिर्फ वही जो,
लिखा होगा तुम्हारी किस्मत में।
हैवान बन जाता है इंसान,
भूल जाता सब-कुछ
सिर्फ इस कमबख्त,
इश्क के चक्कर में।
समझ ले अभी भी
मान ले तू बात मेरी,
है प्यार-मुहब्बत,
बेकार सब तेरी॥

परिचय-क्रिष बिस्वाल का साहित्यिक नाम `ओस` है। निवास महाराष्ट्र राज्य के जिला थाने स्थित शहर नवी मुंबई में है। जन्म १८ अगस्त २००६ में मुंबई में हुआ है। मुंबई स्थित अशासकीय विद्यालय में अध्ययनरत क्रिष की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ-साथ देशभक्ति की भावना को विकसित करना है। पसंदीदा हिन्दी लेखक-प्रेमचन्द जी हैं। काव्य लेखन इनका शौक है। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘हिंदी हमारे देश का एक अभिन्न अंग है। यह राष्ट्रभाषा के साथ-साथ हमारे देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसका विकास हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए अति आवश्यक है।’

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