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एक की शहादत पे हजार चाहिए

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

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भारत के सपूत को हिसाब चाहिए,
इंकलाब,वन्दे मातरम् की आवाज चाहिए
चाइना को सबक सिखाने के लिए,
हिन्दुस्तान का स्वाभिमान चाहिए…।

न रोटी,न कपड़ा,न मकान चाहिए,
सम्मान की लड़ाई में,स्वाभिमान चाहिए
लगाई है आग तो,अंजाम चाहिए,
हिन्दुस्तान के सपूत को सलाम चाहिए…।

इस बार बदला नहीं,बदलाव चाहिए,
एक की शहादत पे हजार चाहिए
चाइना पर नया कोहराम चाहिए,
हिन्दुस्तान की अवाम को स्वाभिमान चाहिए…।

न समझौता,न दोस्ती का प्यार चाहिए,
विस्तारवादी को सीधा कब्रिस्तान चाहिए।
चाइना को सबक सिखाने के लिए,
हिन्दुस्तान का स्वाभिमान चाहिए…॥

परिचय–विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

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