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पंकज `प्रियम` को `साहित्य गौरव रत्न` व `अटल साहित्य गौरव सम्मान`

मुंबई(महाराष्ट्र) |

युवा कवि और लेखक पंकज भूषण पाठक `प्रियम` को अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य महोत्सव(मुम्बई) में `साहित्य गौरव रत्न` से सम्मानित किया गया है। इस २ दिवसीय महोत्सव में उन्हें यह सम्मान दिया गया। इस मौके पर देश-विदेश के ख्यातिलब्ध साहित्यकारों के बीच पंकज `प्रियम` ने काव्य पाठ भी कियाl
२४-२५ दिसम्बर को मुम्बई में आयोजित इस समारोह में पंकज भूषण के साझा काव्य संग्रह `अग्निशिखा काव्यधारा` का विमोचन किया गया। इस अवसर पर इन्होंने कविता-`दिले जज़्बात लिखता हूँ,सही हालात लिखता हूँ,जो कहने से सभी डरते,वही मैं बात लिखता हूँ` तथा `जे नाची से बाँची रे,राजधानी मोर राँची रे`,`आंदोलन के नाम पे क्या तुम सारा देश जला दोगे ? घुसपैठियों के कारण क्या,घर की नींव हिला दोगे ?` सुनाई तो से पूरा हाल तालियों से गूँज उठा।
पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी की ९४वीं जयंती के मौके पर सतना (मध्यप्रदेश) के अटल काव्यांजलि साहित्यिक समूह ने पंकज को `अटल साहित्य गौरव-२०१९` सम्मान से नवाजा। स्व. वाजपेयी पर कालजयी रचना `अजातशत्रु` लिख कर काफ़ी चर्चित हुए हिंदीभाषा.कॉम (www.hindibhashaa. com) के सक्रिय रचनाशिल्पी पंकज `प्रियम` की इस उपलब्धि पर देवघर और गिरिडीह(झारखंड) समेत सभी साहित्य प्रेमियों ने इस सम्मान पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए बधाई दी है।
ज्ञात हो कि,२ दशक से लेखन कार्य में जुटे `प्रियम` राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर भी काव्य पाठ करते रहे हैं,तथा अब तक सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी है,तो कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

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