मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)
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सरफरोशी की तमन्ना,
ले प्यारे वीर आए
कफन बांधा शीश पर,
हिंद के रणधीर धाए
लड़ रहे जो बन दीवाने,
रक्त अपना हैं बहाए।
देशहित में कर्म निष्ठा,
भावना के भाव हैं
दिल उमंगें उठ रही हैं,
वीरगति के दाँव हैं
कदम पीछे न हटे हैं,
वीरता के चाव हैं।
मातृभूमि के लिए जो,
न कदम जो डगमगाए।
सरफरोशी की तमन्ना,
ले प्यार वीर आए…॥
धैर्य जिनकी आत्मा में,
देश के काबिल बने
जो हैं लुटाते जिंदगानी,
वीर सच्चे सुत बनें
बहाए कतरे खून के हैं,
देशभक्तों में गिनें।
देश ने जिनके लिए हैं,
आत्मा से सिर झुकाए।
सरफरोशी की तमन्ना,
ले प्यारे वीर आए…॥