कान्हा कब होगा तेरा आना…?

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* मधुबन में मुरली मीठी बजाना,यूँ गाय चराने नित दिन जाना।मित्र-मंडली में नित इठलाना,कान्हा अब कब होगा तेरा आना ? गोकुल-गलियों में‌ धूम मचाना,बाल सखा संग माखन खाना।यमुना तीर पर तेरा चीर चुराना,कान्हा अब कब होगा तेरा आना ? मकराकृत कुंडल अंग पीतांबर,मोर मुकुट मस्तक पर लगाना।नित गल बैजंती … Read more

बन विधाता बैठा हर आदमी

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* ‘आजाद’ आज ऐसा क्यों हो गया है आदमी,दूर अपनों से भला क्यों हो गया है आदमी। चाहतें अपनी अपना बनाने के खातिर यहां,अपनों को ही हर वक्त छलता रहा क्यों आदमी। रंग गिरगिट सम सदा बदलता रहा है आदमी,बन रहा खु़द-ब-खु़द ही भला हर हमेशा आदमी। झूठे वादे … Read more

नेक बनें हम

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* अगर चाह है नेक बनें हम,तुमको तिल-तिल गलना होगाजग का अंधियारा तभी मिटेगा,खुद बन दीप-सा जलना होगा। विश्व बंधुत्व की बहेगी बयार,होंगे विद्व मनीषी यहां तैयारआएगा तभी सबमें सुविचार,सत्य की राह जब चलना होगा।खुद बन दीप-सा जलना होगा… होगा धर्म-संस्कृति का भी रक्षण,दिव्य वैदिक-संस्कृति भी फैलेगीसबका उत्कर्ष सहज … Read more

नियमित योग से काया निरोग

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* मानव मन-से भज रहा,आज योग का नाम,प्रात:-काल करना रहा,योग सभी का काम। सुंदर सुकोमल शरीर हो,मन निर्मल गंग समान,सदा योग का काम करें,इसके लाभ को जान। नियमित योग से करो सदा,काया को निरोग,लेना योग गुरु का तुम,उचित सदा सहयोग। स्वस्थ तन-मन से सदा,होता सभी का काम,तन-मन सारा शुद्ध … Read more

अंधेरा अब मिटने वाला है

आचार्य गोपाल जी ‘आजाद अकेला बरबीघा वाले’शेखपुरा(बिहार)********************************************* कष्टों का अविराम अंधेरा,देखो अब मिटने वाला है।बरखा की बूंदों के संग घन,नूतन खुशियां लाने वाला है। पीड़ा अब आँसू बनकर बहेगी,ये सहर ऐसी हवा बहाने वाला है।धारा का अब सब ताप मिटेगा,सुहाना सावन फिर आने वाला है। विहग वृंद मिल मंगल गाएंगे,जय गीत पपीहा गाने वाला है।‘आजाद’ … Read more

महावीर युग फिर से आए

आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि नई दिल्ली(भारत) ************************************************************************* महावीर जयन्ती १७ अप्रैल विशेष महावीर जयन्ती सत्संकल्पों को जागृत करने का पर्व है और सबसे बड़ा संकल्प है मनुष्य स्वयं को बदलने के लिये तत्पर हो। सरल नहीं है मनुष्य को बदलना। बहुत कठिन है नैतिक मूल्यों का विकास। बहुत-बहुत कठिन है आध्यात्मिक चेतना का रूपांतरण,और भी कठिन … Read more