पगडंडी
अलका जैनइंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************ आशियाने से मंजिल तलक कोई रास्ता नहीं होता यार,कोई मील का पत्थर नजर नहीं आता बहुत खोजाकोई रास्ता बताने वाला गाइड नहीं होता,कोई नक्शा नहीं पहुंचा सकता मंजिल पर।कोई कारवां साथ नहीं चलता मंजिल तलक हाय,साथ होती है तो परेशानी बेचैनी और तन्हाइयाँसफर मंजिल तलक बहुत काँटों भरा होता यार,उस पर थकना … Read more