तुमने क्या सही किया!

अलका ‘सोनी’पश्चिम वर्धमान(पश्चिम बंगाल)*************************************** हे सीता!!तुमने क्यायह सही किया,जो भी कियाकहो,किसलिए किया ? जग को कबतेरी परख रही,कई विध किस्मत थीतुझको निरख रही,जीवन था जब तकतुमने बस आँच सहीl यह…

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मैं बनफूल

अलका ‘सोनी’पश्चिम वर्धमान(पश्चिम बंगाल)*************************************** उपवनों में खिले,काट-छांट करकतारबद्ध किएपुष्पों की छटा कभी,मैं नहीं ला पाताअपने अंदर। माली के हाथों से,पड़ने वाली फुहारों सेभींज नहीं पाती,मेरी जड़ेंजितनी बार यहां,लगाया गया,उतनी बारमुरझाता…

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ये वो देखेंगीं

अलका ‘सोनी’पश्चिम वर्धमान(पश्चिम बंगाल)*************************************** तुम जो दिखाओगे ये वो देखेंगी, तुम्हारी ही आँखों से यह आकाश देखेंगी, रचे गए तिलस्म से जड़ होकर, सोयी है ऐसे जाने कब इनकी, यह…

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तुम फिर आना

अलका 'सोनी'पश्चिम वर्धमान(पश्चिम बंगाल)*************************************** अपनी मिट्टी कीवो सौंधी सीखुशबू लिए,तुम फिर आना।प्रीत की झीनीचुनर लिए,तुम फिर आना। मिले थे जहाँ हम,पहली बारहाँ,वहींएक बार आना,कुछ लम्हें, कुछ पलबातें करने को मुझसे,तुम…

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