देश जूझता आज तुम्हारा

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ************************************************** गांधी जयंती विशेष….. दु:ख देते हैं जानबूझ कर,दुखियारों को बापू।महिमामंडित करते हैं हम,हत्यारों को बापूll देश जूझता आज तुम्हारा,मजधारों में पल-पल,बढ़ते हैं विपरीत दिशा में,छलिया करते हैं छलlबेच रहे हैं धनवानों को,निर्धन के हक सारे,श्रमजीवी मजबूर हो गए,फिरते मारे-मारेllगिरवी रखने को आतुर घर,दीवारों को बापू,महिमामंडित करते हैं हम,हत्यारों को … Read more

राष्ट्रभाषा बने एक दिन

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ************************************************** सारी जनता भारत की जब,इसको गले लगाएगी।विश्वगगन में हिंदी ऊँचा,तब परचम लहराएगी॥ हिंदी के पहरेदारों से,मेरी सतत यही आशा।राष्ट्रभाषा बने एक दिन,हिंदी ये है अभिलाषा॥हिंदी में साहित्य सृजन ही,नई भोर को लाएगी।विश्व गगन में हिंदी ऊँचा,तब परचम लहराएगी…॥ हिंदी को माँ समझने वालों,हिंदी में व्यवहार करो।लिखना-पढ़ना हिंदी में हो,मत … Read more

ताज वतन का रत्नजड़ा

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) ********************************************************* जो चालीस वर्ष तक शिक्षक रहे,ज्ञान का दान किया।जग ने जिनको अजात शत्रु,कहकर के सम्मान दियाll देशभक्त थे पर सर कहकर,जिन्हें नवाजा जाता था।टेम्पलटन की शीर्ष उपाधि,से भी जिनका नाता थाll भारत रत्न भी उनके कदमों,में नित गौरव पाता था।राधा कृष्णन कर्मवीर को,जन-जन शीश झुकाता थाll शिक्षित करके सोच … Read more

प्रिय की प्रीत निभाना है

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** प्रिये उठाओ साज पुनः तुम,सरगम नया सजाना है।सपनों का संसार हकीकत,की धरती पर लाना है॥प्रिय की प्रीत निभाना है,गीत मिलन के गाना है॥ अधरामृत से अधर अछूते,सावन देखो बीत गया।बीत गया मनहर मौसम ये,रीता उर संगीत गया॥इसीलिए अब शुष्क हृदय में,आओ प्यार जगा लें हम।सपनों को नूतन रंगों से,मिल … Read more

विद्यालय जरूरी

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** जिंदगी संवारने को,विद्यालय जरूरी है,डिजिटल शिक्षा बीज,लोगों मत बोइये।खेलकूद राजनीति,संगठन कहाँ वहां,सर्वांगीण उन्नति से हाथ मत धोइयेllपाठशाला यज्ञशाला,भूल ना जाइये इसे,जिंदगी से आप कभी,ना विमुख होइये।गुरु चरणों में बैठ,शिष्य सच जान सके,मत ऐसे प्राप्त कोई,अवसर खोइयेll

युद्ध बड़ा हरजाई

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** भारत और चीन के रिश्ते स्पर्धा विशेष…… दिल के आँगन में लालच ने,ही दीवार उठाई है।अगर विश्व परिवार हमारा,चीन हमारा भाई हैll अगर कोई सत्तर सालों के,रिश्तों को अपने तौले,सच्चाई आएगी सम्मुखबिना हमारे कुछ बोलेlचीन रहा विस्तारवाद का,पोषक सब ये जान रहे,बेईमान बला का उसको,सभी पड़ोसी मान रहे।बिना बात … Read more

जीवन पटरी पर लाना है

अख्तर अली शाह `अनन्त`नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** लंबे समय की तालाबंदी,कभी नहीं हितकारी लोगों।हो समाज या देश सभी को,पड़ जाती है भारी लोगों॥ इसीलिए अब बना योजना,कारोबार बढ़ाएंगे हम।पेट भराई सबकी ही हो,एसे कदम उठाएंगे हम॥ जीवन पटरी पर लाना है,पर धीरे-धीरे ये होगा।कता कताया फिर कपास हो,जाएगा वरना जो भोगा॥ इस हेतु अब क्षेत्र हमारे,तीन … Read more

मानवता पर क्रूर वार

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** जूझ रही जब दुनिया सारी, ‘कोरोना’ की बीमारी से। आर्थिक प्रतिबंध ऐसे में, मानवता पर क्रूर वार हैं॥ एक सूत्र में दुनिया सारी, बंधी हुई है सभी जानते। मानवता के रक्षक हैं जो, जग सारा परिवार मानते। नहीं एक राष्ट्र का दुःख जब, दामन सारे तार-तार हैं। आर्थिक … Read more

हार मत जाईये

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** `कोरोना` को हिम्मत से,अंगूठा दिखाना यदि, कसके कमर रखें,हार मत जाईये। आड़े हाथों लेना यदि,अपने विरोधियों को, पार कठिनाई पर,हँस कर पाईयेll गिरना है नजरों से,तुमको समाज की तो, झुंड बना-बना कर,खूब बतियाईये। दूसरे बीमार हैं तो,हम तो बीमार नहीं, ये `अनंत` सोच कर,खुशियां मनाईयेll

पछतावा होगा तुझे

अख्तर अली शाह `अनन्त` नीमच (मध्यप्रदेश) **************************************************************** आग में घी डालना है,भीड़-भाड़ का बढ़ाना, हिम्मत जो हार गया,भट्टा बैठ जाएगा। नींद रातों की हराम,एक दिन होगी प्यारे, कोई पूछने को तेरे,पास नहीं आएगा॥ भीड़ का जो भाग बना,परिणाम होगा यही, किससे कहाँ से कब,रोग तू लगाएगा। पछतावा होगा तुझे,बात नहीं मान कर, रोएगा ‘अनन्त’ आँसू … Read more