तुम हो

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ जहां भी देखूं,हर जगह तुम हो, मेरे लबों की,हँसी तुम हो। मेरी हर साँस के महकने की,वजह तुम हो... मैं जो जी रही हूँ,मेरे…

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कैसे खेलूं फाग

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ फाग आया,मचले मन उमंग, तन में सागर उमड़े,धड़कन हुई तरंग कैसे खेलूं फाग,जब तुम नहीं हो संग...l सपनों में सजते,अरमानों के रंग, कर लूं…

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नारी एक शक्ति

अंतुलता वर्मा 'अन्नू' भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ नारी तुम मात्र नारी नहीं हो... सृष्टि के आरंभ की शिला हो तुम...। जगत-जननी हो तुम, सूर्य का तेज हो तुम। समुद्र की गहराई…

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