सभ्यता है मातृभाषा

डॉ.अर्चना मिश्रा शुक्लाकानपुर (उत्तरप्रदेश)************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. माँ भारती के भाव को जिसने उड़ेला,वह भाव है भाषा नहीं उद्‌घोष है वह।वह मूल्य है आदर्श है संस्कृति हमारी,है हमारी सभ्यता की जड़ वही।समृद्ध उसने ही किया हर हृदय छू कर,हर भाव की अभिव्यक्ति है यह मातृभाषा।सोंचना हम सोंचते हैं यह हुआ क्या ??मातृभूमि में … Read more

अक्षय तृतीया:सामाजिक व सांस्कृतिक शिक्षा का अनूठा त्यौहार

श्रीमती अर्चना जैन दिल्ली(भारत) *************************************************************** अक्षय तृतीया २६ अप्रैल विशेष……………. अक्षय तृतीया का दिन भारतभर में कई त्योहारों के रूप में मनाया जाता है। अक्षय तृतीया को ‘आखातीज’ भी कहते हैं। यह पर्व वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी कार्य किए जाते … Read more

बल-प्रखर महाराणा प्रताप

अर्चना पाठक निरंतर अम्बिकापुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************************************** राणा प्रताप प्रखर,प्रबल है प्रभाव, अणु-अणु में मुखर अनंत,अडिग अटल स्वभाव। राजपूत की नाक वे,आन-बान की शान, बने प्रताप सदा ही,सबल सख्त इंसान। मुगलों को धूल चटाई,अकबर नीयत भाँप, घनी मूँछों वाले ने,छोड़ी अचूक छाप। बलशाली भुजाओं से,सब शत्रु हुए अनाथ, महाराज मेवाड़ के,सिर्फ समर्थ सनाथ। कूट-कूट हुई पूरित,वीरता दृढ़ प्रण, … Read more

मानव की पहचान

डॉ.अ‍र्चना दुबे  मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************************************** सेवा शिष्टाचार ही,मानव की पहचान। जन प्रत्येक इसीलिए,दिख रहे परेशानl दिख रहे परेशान,आचरण अच्छा रखना। किये नहीं सत्कार,कहेंगे कैसे अपना। रीत कहे यह बात,मिलेगा कैसे मेवा। अच्छे रखो विचार,करो तुम सबकी सेवाll पक्षी सब आजाद हैं,नभ के छूते छोर। दाना-पानी कर लिये,पंखों में है जोर। पंखों में है जोर,देखते सपने … Read more