संस्कृति संरक्षण और शिक्षा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** यह कल्पना करना ही भयावह लगता है कि अगर शिक्षा न होती तो क्या होता ? अगर शिक्षा न होती तो प्राचीनतम् विचारों का क्रमबद्ध संकलन होना सम्भव नहीं होता। गुरुकुल या विद्यापीठ अथवा आज के अत्याधुनिक विद्यालय नहीं होते। समाजीकरण की सतत् प्रक्रिया सुचारु नहीं हो पाती। हमारी अनमोल … Read more

परीक्षा:उम्मीदवार की या जनता की

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जनतन्त्र जनतामय होता है। जनता के बीच से जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जननायक,जननेता,जनसेवक या ऐसे ही बहुतेरे विशेषणों से सुशोभित होता है। ग्राम पंचायत से संसद तक निर्वाचन की प्रक्रिया ही आधारभूत है। संविधान द्वारा निर्धारित मौलिक अर्हताओं को पूरा करके किसी भी एक पद के लिए दर्जनों उम्मीदवार … Read more

जाग भी जाओ

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हे मानुस! तू सभी जीव में ज्ञानी है-विज्ञानी है, जैव-जगत में नहीं दूसरा कोई तेरा सानी है। सकल जगत की इच्छाओं का तू राजा है,रानी है, सच्चाई से दूर भागना बस तेरी नादानी हैll मैं मुर्गा बन गला फाड़कर तुझे जगाने आता हूँ, सूरज की किरणों में शामिल होकर धूप … Read more

तुझको कोटि नमन उन्नीस

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मिला बहुत खोया तनिक, प्यारा वर्ष उनीस। करो पूर्ण हर कामना, सादर स्वागत बीस॥ तीन सौ सत्तर का कलंक तूने माथे से धोया था। काश्मीर की धवल कड़ी को लेकर हार पिरोया था॥ मर्दों की मनमानी के वो तीन तलाक मिटा डाला। इसी साल में बंद हो गया महिलाओं के … Read more

फूल की भूल

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** असल जीवन की यह कहानी ६ दिसम्बर १९५९ से सम्बद्ध है। सम्मान,अपमान और निष्कासन की एक ऐसी घटना घटी थी जिसने हर्ष-विषाद का समन्वित इतिहास रच दिया था,लेकिन दुर्भाग्यवश इतिहास ने उस यथार्थ को अपने आँचल में कोई विशेष स्थान नहीं दिया। आइए चलते हैं झारखंड (तत्कालीन बिहार) के धनबाद … Read more

मेघालय में नारी-सत्ता,और सुरक्षित भी

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** जंगलराज से आदमराज में परिणत होती हुई दुनिया स्त्रियों को गौड़ बनाकर पुरुष प्रधान हो गई। समाज और धर्म के समस्त विधान पुरुषों के अहंकार और महत्व के पोषक हो गए। नारी जाति क्रमश: ढकेली जाने लगी और शोषण जनित पतन के परिणाम स्वरूप गर्भ में ही मारी जाने लगी। … Read more

माँ और मैं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** मेरे सर पे दुआओं का घना साया है, ख़ुदा जन्नत से धरती पे उतर आया है। फ़कीरी में मुझे पैदा किया,पाला भी। अमीरी में लगा मुँह-पेट पे,ताला भी। रखा हूँ पाल,घर में शौक से कुत्ते,पर, हुआ छोटा बहुत माँ के लिए,मेरा घर। छलकती आँख के आँसू,छुपा जाती है, फटे आँचल … Read more

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह हुए स्मृति शेष

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** विश्वविख्यात वैज्ञानिक-गणितज्ञ आइंस्टीन और गौस के सिद्धांतों को चुनौती देकर प्रसिद्धि पाने वाले महान गणितज्ञ नहीं रहे। नासा में अपोलो मिशन शुरुआत के दौरान ३० कम्प्यूटर अचानक असफल हो गए,उसी क्षण पेन से सटीक जोड़ देकर अभियान सफल कराने वाले महान गणितज्ञ हमें छोड़कर चले गए। चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत … Read more

कर्मवीर के कदम चूम लें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** कर्मवीर वह कहलाता जिसकी रुकती नहीं चाल, कर्मवीर वह कहलाता जिसका अनुगामी काल। जिसकी चलती हैं हर साँसें सदा कर्म के साथ- कर्मवीर वह कहलाता,नहीं वृथा बजाए गालll नहीं झुका है नहीं झुकेगा इसका उन्नत भाल, कर्मवीर के कदम चूम लें,ये हैं असली लालll कर्मवीर जिसके पैरों में कर्मों का … Read more

सोच सको तो सोचो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** गिलगित,बाल्तिस्तान हमारा है हमको लौटाओ, वरना जबरन ले लेंगे मत रोओ-मत चिल्लाओ। खून सने कातिल कुत्तों से जनता नहीं डरेगी, दे दो,वरना तेरी छाती पर ये पाँव धरेगी। तेरी-मेरी जनता कहने की ना कर नादानी, याद करो आका जिन्ना की बातें पुन: पुरानी। देश बाँटकर जाते-जाते उसने यही कहा था- … Read more