मेरा गाँव दिखा दो

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** कोयल का संगीत सुना दो, मुझको मेरा गाँव(अवलेश्वर)दिखा दो। कंक्रीटों के हवा महल में, फंसा हुआ मेरा जीवन है झूठी आशा बड़ी पिपासा, रूप…

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