प्रभु भक्ति में लगा पूरा मन

कुँवर बेचैन सदाबहारप्रतापगढ़ (राजस्थान)********************************************************************** महाकवि गोस्वामी तुलसीदास (२४ जुलाई) जयंती स्पर्धा विशेष बाकी तो सब चमकते जुगनू हैं,फैलाए उजाला वो बस रवि है।जिसने रचा है रामचरित मानस,कोई साधारण नहीं वो…

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बुरा न मानो होली है

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** बुरा न मानो होली है, आज ना कोई हमजोली है। सबके दिलों में द्वेष और, मुँह पर मीठी बोली है। बुरा न मानो... आजकल…

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मेरा गाँव दिखा दो

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** कोयल का संगीत सुना दो, मुझको मेरा गाँव(अवलेश्वर)दिखा दो। कंक्रीटों के हवा महल में, फंसा हुआ मेरा जीवन है झूठी आशा बड़ी पिपासा, रूप…

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ग़र न होती ये सेल्फी…

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** उस `सेल्फी` में से खुशबू आती है, सोचता हूँ ग़र न होती ये सेल्फी... तो कौन खींचता बेझिझक-सी तस्वीर हमारी, कोई कहता कि लाओ…

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किसकी फितरत!

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** कभी साँपों को देखकर डर जाता था, अब दो-चार साँप तो आस्तीन में ही पाल लेता हूँ। उल्लूओंं को कभी अपशगुन मानने वाला मैं,…

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गणतंत्र

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……….. मेरा आज का सभी से यह है प्रश्न, क्यों मना रहे गणतंत्र दिवस का जश्न ? चलो मैं कुछ पुरानी…

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बस वो बातें लिखता हूँ…

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** मुझे शब्दों की ज्यादा समझ नहीं, मैं मन का मैल लिखता हूँ, जो हो रहा,या हो गया! मैं उसकी बातें करता हूँ। ना ग़ालिब…

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चाहत

कुँवर प्रताप सिंह कुंवर बेचैन प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** चाहा था हमने फूल बनना गुलिस्तां का, पर फूलों को तन्हा छोड़ देते हैं लोग। फूलों के लिए लाजमी है खिल के…

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