भावुक

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* भावे भजनी भावना,भोर भास भगवान! भले भलाई भाग्य भल,भावुक भाव भवान! भावुक भाव भवान,भजूँ भोले भण्डारी! भरे भाव भिनसार,भाष भाषा भ्रमहारी! भय भागे भयभीत,भ्रमित भँवरा भरमावे!…

Comments Off on भावुक

बचपन

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विश्व बाल दिवस स्पर्धा विशेष……….. बाल दिवस पर विश्व में, हों जलसे भरपूर। बच्चों का अधिकार है, बचपन क्यों हो दूर॥ कवि,ऐसा साहित्य रच, बचपन हो…

Comments Off on बचपन

नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* नारी रत्न अमूल्य धरा पर। ईश्वर रूप सकल सचराचर॥ राम कृष्ण जन्माने वाली। सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली॥ बेटी बहिन मात अरु दारा। हर प्रतिरूप मनुज…

Comments Off on नारी

लोक पर्व ‘गोबरधन’

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* 'गोधन पशुधन धन बड़े,कृष्ण बढ़ाये मान! व्यापक गोबरधन हुआ,करिये मान सुजान!!' 'गोवर्धन' को हम 'गोबरधन' भी कहते रहें तो क्या हानि है। गोवर्धन एक व्यापक शब्द…

Comments Off on लोक पर्व ‘गोबरधन’

दीप पर्व

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* माटी का दीपक लिया,नई रुई की बाति। तेल डाल दीपक जला,आज अमावस राति। आज अमावस राति,हार तम से क्यों माने। अपनी दीपक शक्ति,आज प्राकृत भी जाने।…

Comments Off on दीप पर्व

चंद्र,इन्द्र…हम

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* चंद्र इंद्र नभ देव,सदा शुभ पूज्य हमारे। हम पर रहो प्रसन्न,रखो आशीष तुम्हारे। लेकिन मन के भाव,लेखनी सच्चे लिखती। देव दनुज नर सत्य,कमी बेशी जो दिखती।…

Comments Off on चंद्र,इन्द्र…हम

तुलसी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दिव्य छंद तुलसी रचे,भारत हुआ कृतज्ञ। मैं,उनके सम्मान में,दोहे लिखता अज्ञll हुलसी तुलसी गंध-सी,सेवित तुलसीदास। भाव आतमा राम से,मानस किया उजासll नरहरि जी सद्गुरु मिले,पायक हनुमत…

Comments Off on तुलसी

साधु

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ऐसे सच्चे साधु जन,जैसे सूप स्वभाव। यह तो बीती बात है,शेष बचा पहनाव। शेष बचा पहनाव,तिलक छापे ही खाली। जियें विलासी ठाठ,सुनें तो बात निराली। कहे…

Comments Off on साधु

दिनकर

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश। तेज सूर जैसा रहा,तुलसी सा आभास॥ जन्म सिमरिया में लिये,सबसे बड़े प्रदेश। सूरज सम फैला किरण,छाए भारत देश॥ भूषण सा…

Comments Off on दिनकर

फूल

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* रखूँ किस पृष्ठ के अंदर, अमानत प्यार की सँभले। भरी है डायरी पूरी, सहे जज्बात के हमले। गुलाबी फूल-सा दिल है, तुम्हारे प्यार में पागल- सहे…

Comments Off on फूल