गुलाब को कुछ और कह लें…वह गुलाब ही रहेगा!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ********************************************************** अच्छा हुआ जो शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश में जिला संग्राहक(कलेक्टर)का पदनाम बदलने की एक गैरजरूरी कोशिश को तिलांजलि दे दी। सरकार ने इस काम के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति को भी भंग कर दिया। दरअसल,यह एक अनावश्यक मशक्कत थी,जो पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार करना चाहती थी,क्योंकि संग्राहक पदनाम बदलना न तो ‘औरंगजेब रोड’ … Read more

कांग्रेस के ‘राजनीतिक कोरोना’ का टीका संभव ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  **************************************************************** कोविड-१९ विषाणु का टीका(वैक्सीन)तो देर-सबेर बन ही जाएगा,लेकिन देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के आंतरिक कोरोना विषाणु का कोई टीका शायद ही बन पाए। और बन भी गया तो कारगर शायद ही हो पाए। यह बात इसलिए उठी कि,कल तक कांग्रेस और राहुल को कोसने वाली शिवसेना ने कांग्रेस में ताजा … Read more

बूढ़ों का देश कहलाएगा भारत सिर्फ १६ साल बाद!

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** आजादी की वर्षगांठ पर स्वतंत्रता की खुशियों के साथ-साथ एक बड़ा और चिंताजनक सवाल भी दस्तक दे रहा है कि,एक तरफ हम अपनी युवा आबादी को काम नहीं दे पा रहे हैं,दूसरी तरफ भारत धीरे-धीरे बूढ़ों के देश में तब्दील होने जा रहा है। यह कोई दूर की कौड़ी नहीं है,केवल १६ … Read more

नई शिक्षा नीति और सामाजिक सोच में कितना तालमेल ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में कहा कि-“ये शिक्षा नीति सभी के परामर्श से तैयार की गई है। यह कोई सर्कुलर नहीं,बल्कि महायज्ञ है,जो नए देश की नींव रखेगा और एक नई सदी तैयार करेगा।” प्रधानमंत्री का यह भाषण उनके संवाद कौशल की ही ताजा कड़ी है। … Read more

‘कोरोना’ का इलाज ‘पापड़’ या ‘टीका’ ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** चाहे तो इसे ‘सदी का सबसे बड़ा भ्रम’ कह लें। ‘भ्रम’ ये कि जब देश में ‘कोरोना’ इलाज के इतने देसी नुस्खे तैयार हैं तो फिर मोदी सरकार कोरोना टीका तैयार करवाने में वक्त और पैसा क्यों ‘बर्बाद’ करने में लगी है ? हमारे वैज्ञानिक क्यों अपना पसीना बहा रहे हैं ? … Read more

नागालैंड में श्वान माँस पर प्रतिबंध…खाद्य फासीवाद कैसे ?

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** बिग बी को कोरोना,चीनी दबंगई और विकास दुबे मुठभेड़ से परे सुदूर पूर्वोत्तर के राज्य नागालैंड में राज्य सरकार द्वारा कुत्ते (श्वान) के माँस पर प्रतिबंध को लेकर बवाल मचा है। जहां पशु प्रेमियों और पशु हिंसा विरोधियों ने इस फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया,वहीं स्थानीय नागा नेता और बुद्धिजीवी इस … Read more

उदास मनोरंजन उद्योग…

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ५ अप्रैल की रात ९ बजे रोशनी बंद कर हर घर में ९ मिनट के लिए दीया-बत्ती करने के आह्वान पर भक्तों और त्यक्तों में अलग-अलग राय रही। भक्तों ने इसे कोरोना-तालाबंदी के दौरान देश की एकजुटता दिखाने और गरीबों का मनोबल बनाए रखने का ‘ज्योति उत्सव’ माना … Read more

अब ‘अंकीय खानाबदोशी’ का दौर…

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** कोरोना काल में हम जिस घर पर काम(वर्क फ्रॉम होम) की कवायद सीख रहे थे,उसी दौरान दुनिया एक पायदान ऊपर चढ़कर खानाबदोश की तरह कहीं से भी काम(वर्क फ्राॅम एनीवेयर)को अपना रही थी। अब भारत में इस नई कार्य संस्कृति को लागू करने की शुरूआत देश के सबसे बड़े ‘स्टेट बैंक ऑफ … Read more

बच्चों का ई-शिक्षण,गृह विद्यालय और जरूरी सवाल…

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** कोरोना अतालाबन्दी २.० में भी विद्यालय,महाविद्यालय और शैक्षणिक संस्थाओं के खुलने की संभावना कम है,क्योंकि इनमें सामाजिक दूरी कैसे पालित हो और पढ़ाई भी चलती रहे,इस पर तमाम लोग मंथन कर रहे हैं। विद्यालय-महाविद्यालय जब भी खुलें,लेकिन कोरोना ने हमारी शिक्षा पद्धति में एक अहम बदलाव ला दिया है और वो है … Read more

तालाबन्दी में ढीली कमान

अजय बोकिलभोपाल(मध्यप्रदेश)  ***************************************************************** लगता है देश में तालाबन्दी ४.० खत्म होते-होते सरकार के हाथ से कमान छूटने लगी है। मुल्क को कोरोना से बचाने के लिए तालाबन्दी सख्‍ती से लागू तो कर दी गई,लेकिन उससे बाहर निकलने का कारगर रास्ता किसी को सूझ नहीं रहा है। देश के कर्णधारों की हालत महाभारत के अभिमन्यु-सी होती … Read more