है गर्व हमें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** भारत की आत्मा ‘हिंदी’ व हमारी दिनचर्या…. भारत की आत्मा है हिन्दी,व हमारी दिनचर्या भी यही,…………………है गर्व हमें।………………………. जन्मे भारत की माटी पर,भाषा सबसे प्यारी है यही,………………..है गर्व हमें॥……………………….भारत की आत्मा है हिन्दी… है ओम शब्द हिन्दी का ही,जो सूरज दिन भर कहता है।चन्दा भी हर पूर्णमासी में,अपनी किरणें … Read more

बना वक्त पहला शिक्षक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. बना वक्त पहला शिक्षक,ये है साथ जन्म से ही।करूँ कद्र मैं सभी की,मुझे सीख पहली ये दी।बना वक्त पहला शिक्षक…॥ रखूं मैं सुकूं हमेशा,मुझे सब्र भी सिखाया,करे दिल अदब सभी का,ये हालत ने बताया।जले प्रेम ज्योति मन में रहे बिखरी रौशनी भी,बना वक्त … Read more

आजाद हो गए हम

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** ‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष…….. आजाद हो गये हम,मैं और देश मेरा,सदियों रही गुलामी,का मिट गया अंधेरा। उन्नीस सौ सैतालिस,पंद्रह अगस्त के दिन,भारत में हो गया था,आजादी का सबेरा।आजाद हो गये हम…॥ मुगलों के बाद शासन,अंग्रेजों ने किया था,वीरों का देश में दिल,हर ओर जल रहा था।इक आग-सी … Read more

जीवन के दस्तूर

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** हमराह नहीं मिलता कोई भी रहगुज़र मेंहर राह अलग होती जीवन के इस सफर में। मन्जिल तो रहा करती पहले से तयशुदा पर,राही को ही तय करना चलना है किस डगर में। राही न कभी चाहे मन्जिल पे पहुंचना पर,दस्तूर हैं कुदरत के सबके लिए सफर में। हर अगला … Read more

पारिवारिक प्रेम-प्यार

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. पिता का प्रेम-पसीना और हम भाई,बहन,माता।दिलों में प्यार सजा रखते तो परिवार भी निखर जाता॥पिता का प्रेम… मिली तकदीर भली जिससे लगे हर जिन्दगी न्यारी,करें भगवान दया हम पर लगे सबको बड़ी प्यारी।घड़ी होती अगर मुश्किल तो सबका साथ बन जातासभी … Read more

प्रेम की भावना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. प्रेम की भावना दिल की जागीर है।प्रेम दिल से मिटाता सभी पीर है। जिन्दगी में रहे प्रेम दिल का अगर,फिर तो हर जिन्दगी सुख की तासीर है।प्रेम की भावना… जिन्दगी इक सफर है सभी के लिए,जिसका आगाज होता यहां प्रेम से।एक मन्जिल के सब … Read more

कुदरत के करिश्मे

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** हर दौर बदल कर भी जीवन न मिटा पाया।कोरोना भला कैसे ये ख्वाब सजा लाया। जीवन का विरोधी बन खुद मिटने चला आया,कुदरत के करिश्मे ये पहचान नहीं पाया।हर दौर बदल कर भी… जीवन तो सभी का इक ख्वाहिश का सिला होता,हिम्मत है खुदी इसकी जिस पर ये टिका … Read more

जल,वायु से सजतीं बहारें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** रचना शिल्प:२२२ २२२ १२२ जल,वायु से सजतीं बहारें,धरती में इनसे ही नजारे।मधुरम बनके धरती गगन को,बूंदों की चाहत में निहारे॥जल,वायु से… बूंदें,बादल देता धरा को,बिन बूंदों के सूखी धरा हो।कैसे फिर सज पाए धरा ये,मिलती ही न इसको कदर तो,कैसे सज पाएंगी बहारें।जल,वायु से… सूखीं नदियां,वन-वृक्ष कटते,झुलसें पर्वत,हिम भी … Read more

जल ही जीवन

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जल ढलानों को बहे ये न शिखर को जाने।जल ही जीवन है मगर कद्र न जीवन माने।जल ढलानों पे बहे प्यार धरातल को दे,इस अदा पर ही कदर जल की न जीवन मानेंं।जल ढलानों को बहे…॥ दास्तां खुद ही कहे जल ये सुनो क्या कहता,मैं हुआ दर से बदर … Read more

त्योहार को होली के…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** त्योहार को होली के दिल से ही मनाते थे,त्योहार को लेकिन अब नियमों से मनाते हैं।फागुन के महीने को रंगों से सजाते थे,अब फाग बिना सबसे मिलते न मिलाते हैं।त्योहार को होली के… बाहर न निकल सकते मिलने की मनाही है,त्योहार मनाएं क्या,कोविड की तबाही है।‘कोरोना’ महामारी सबको ही … Read more