जिन्दगी पल रही

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** चल रहे वक्त के साथ धरती गगन,सृष्टि की बन धुरी जिन्दगी पल रही।चाल कायम रहे कुदरती देन की,कह सकें सब यहाँ जिन्दगी चल रही॥चल…

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तुमसे ही जिन्दगी है हमारी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… रचनाशिल्प:२२१ २१२ २१२ २तुम केन्द्र,हम धुरी हैं तुम्हारी,तुमसे ही जिन्दगी है हमारी।कहते सभी तुम्हें अबला नारी,तुम केन्द्र,हम…धुरी हैं तुम्हारी॥ सबको…

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भली सबसे हिंदी भाषा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा हो हिन्दुस्तान की भाषा,पुरानी विश्व में सबसे भली सबसे हिन्दी भाषा। विविधताओं की भाषा और सहजताओं की…

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चैन से नहीं इक पल जिन्दगी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जिन्दगी सताती है,जिन्दगी रुलाती है,चैन से नहीं इक पल जिन्दगी बिताती है। कौन सुख से रहता है,कौन सुख से जीता है,कब सुकून का पल…

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कितना प्यारा समय

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** वेशभूषा बदल के आते हैं,हाल बेहतर मेरे बनाते हैं।कर्म अपने लिए ही करता हूँ,जाने कैसे वो जान जाते हैं॥वेशभूषा बदल के… पास जो खुद…

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मनभावन पर्व,पावन हिन्दुस्तान का

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. गणतंत्र-दिवस मन-भावन पर्व है पावन हिन्दुस्तान का।दुनिया करती सम्मान इसका, ये गौरव हिन्दुस्तान काllगणतंत्र-दिवस मन-भावन पर्व… छब्बीसवां दिन जनवरी माह…

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जंग जीवन की

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** जंग जीवन की सभी लड़ते हैं जीने के लिए,जीने के लिए,जीने के लिए…मौत-ए-मंजिल का सफर करते हैं जीने के लिए,जीने के लिए,जीने के लिए…llजंग…

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हम तुम एक-दूजे के

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) *********************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से..... हम-तुम इक-दूजे के साथी बनकर आते रहे हैं,आते रहेंगे,'रब' ने हमको मिलाया,जन्मों से हम मिलते रहे हैं,सदा ही…

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हो मुबारक ये प्यारी घड़ी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** आ गया साल इक्कीसवाँ,है सदी भी ये इक्कीसवीं।उम्र को वक्त ने दे दिया,हो मुबारक ये प्यारी घड़ी।आ गया… मेल ऐसा सदी बाद ही,वक्त का…

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साल बीता पुराना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२) साल बीता पुराना,नया आ रहा।अलविदा और शुभ आगमन पा रहा॥साल बीता पुराना… अलविदा बीसवां साल अब पा रहा,साल इक्कीसवाँ…

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