कारगिल विजय दिवस क्यों मनाया जाता है ?

गुलाबचंद एन.पटेल गांधीनगर(गुजरात) ************************************************************************ कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के सामने २६ जुलाई १९९९ को सफलता प्राप्त करने पर याने कि पाकिस्तान सैन्य को वापस जाने के लिए मजबूर करने के लिए भारतीय वीर योद्धाओं ने अपना बलिदान दिया था,उस विजय और शहीद वीरों की याद में यह कारगिल विजय दिवस … Read more

अपना समय भी आएगा

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** हरदम पतझर नहीं रहेगा, अली कली को खिलाएगा। कहे ‘उमेश’ धैर्य रखो तुम, अपना समय भी आएगा। दुख के बादल अब छँट जायेंगे, नभ-बीच शशि मुस्कुराएगा। कहे उमेश तुम हिम्मत ना हारो, अपना समय भी आएगा। शनैः-शनैः रैना जाएगी, उजाला सुनहरा आएगा। कहे उमेश प्रयास करो तुम, अपना समय भी … Read more

मित्र का फ़र्ज

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** कहने को तो सभी मित्र हैं,पर एक हमारी अर्ज़ है, विपदा में जो करे मदद,यही मित्र का फ़र्ज़ है। बिन बुलाए दौड़कर आए,कहे ना कोई हर्ज़ है, अपना समझे मित्र के दु:ख को,यही मित्र का फ़र्ज़ है। मित्र हो तो पानी-पय-सा,जो न कभी खुदगर्ज़ है, खुद जल कर बचाए मित्र … Read more

हाय हाय रे गर्मी…

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** हाय हाय रे गर्मी, हाय हाय रे गर्मी, जल बिन जन-जीवन तड़पे… मानसून ने ठानी बेहद बेशर्मी, हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मी। वरुण देव नाराज़ चल रहे, बादल बिन जल के मचल रहे… मौसम में न आती नरमी, हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मी। यह माह जेठ … Read more

प्रकृति से जोड़ता है योग

गुलाबचंद एन.पटेल गांधीनगर(गुजरात) ************************************************************************ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष …………………. पृथ्वी की भ्रमण कक्षा में उत्तरायन की तरह दक्षिणायन दिन का भी महत्व हैl सूर्य नारायण का दक्षिण प्रयाण याने कि २१ जून,जो वर्ष में सबसे ज्यादा लंबा दिन होता हैl २०१४ में विश्व के सभी देशों ने जनरल एसेंबली में भारत के प्रस्ताव को मान्य … Read more

शरणार्थालय भारत हमारा

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** शरणार्थालय भारत हमारा है, यह जान से भी ज्यादा प्यारा है। यहाँ जो भी आए सादे मन से, हमने उसको स्वीकारा है। शरणार्थालय देश हमारा है, यह जान से भी ज्यादा प्यारा है॥ खुशबू इसकी मिट्टी में है, जिसको यह दिल से भाता है। वह छोड़ स्वर्ग-सा सुख सारा, भारत … Read more

वाह रे देश के चौकीदार

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** वाह रे देश के चौकीदार, कमर तोड़ महँगाई बढ़ती। थमता नहीं है भ्रष्टाचार, वाह रे देश के चौकीदार॥ आफ़त में पड़ा अब जन जीवन है, जीवन मुश्किल बहू-बेटियों का। बढ़ता जा रहा रोज बलात्कार, वाह रे देश के चौकीदार॥ भूख मरी फैली भारत में, कानून व्यवस्था ताक पर रखकर। नेता … Read more

डॉ.रिखबचन्द राँका ‘कल्पेश’ को आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान

नई दिल्ली। साहित्य संगम संस्थान की व्याकरणशाला में ९ जून को ‘मुहावरे बने बावरे’ कार्यक्रम में डॉ.रिखब चन्द राँका ‘कल्पेश’ ने प्रतिभाग कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यातिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजेश कुमार तिवारी के कर कमलों द्वारा डॉ.राँका ‘कल्पेश’ (जयपुर) को ‘आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी’ सम्मान से सम्मानित किया … Read more

निजी स्वार्थ

गुलाबचंद एन.पटेल गांधीनगर(गुजरात) ************************************************************************ हिमालय की ओर ऊपर एक बस ढलान पर जा रही थी,उसमें एक किसान अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहा था। बस पर्वत पर आगे बढ़ रही थी। किसान ने कंडक्टर को विनती की, कि उसे बीच में अपने गांव के पास उतारा जाए। कंडक्टर ने आगे बढ़कर घंटी बजाई, किसान … Read more

रहें पाखंड से बचकर

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** एक थे पाखंडी पंडित,करते पूजा-पाठ थे, हरदम स्वार्थ सिद्धि में रहते आठों याम थे। अपना फायदा हरदम देखते, फायदे के सिवा बात नहीं करते। हरदम अपना दांव लगाते, रुपए खातिर दौड़ के आते। राहू-केतु का भय दिखाकर, लोगों को बहला फुसला कर। अपनी रोटी खूब कमाते, लोगों को मूर्ख रोज … Read more