पुलकित-कम्पित चातक गाये
छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** पुलकित-कम्पित चातक गाये, गुंजित बादल विपुला छायेl उमड़-घुमड़ कर अंबर घेरा, श्यामल गर्वित रूप घनेराl अम्बुद घोर हुआ अंधेरा, दमक दामिनी डाला डेराl गगरी प्रेम सुधा भर लाये, गुंजित बादल विपुला छायेll चिर संचित चित चंचल छाया, मन मंगल मनहर मति मायाl सुखद पवन गति जलकण काया, … Read more