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ध्वज यश फहराया संसार

छगन लाल गर्ग “विज्ञ”
आबू रोड (राजस्थान)
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कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष……….

(रचना शिल्प:छंद-लक्षण:जाति,अर्ध सम मात्रिक छंद,प्रति चरण मात्रा ३१ मात्रा,यति १६-१५,पदांत गुरु गुरु,विषम पद की सोलहवीं मात्रा गुरु (ऽ) तथा सम पद की पंद्रहवीं मात्रा लघु (।)

युद्घ कारगिल हिंद पाक का,शौर्य संघर्ष का है नामl
जय निर्णायक वीर हमारे,लड़े लड़ाई को अविरामl
विजय ऑपरेशन नाम रहा,ध्वज यश फहराया संसारl
शौर्य युद्ध बड़ा भयानक था,शत्रु संहार अति विस्तारll

भभक उठी थी विजय कामना,अरमानों का अति उन्मादl
पाक कुचलने की चिंगारी,जाग उठी जलते जल्लादl
तीन मई निनानवे लाई,एक सूचना क्रोध महानl
चरवाहे ने भेद बताया,किया कारगिल कब्जा जानll

पाँच मई को फिर धोखे से,तैयारी में मारे वीरl
भीतर नफरत के अंगारे,उठा विस्फोट धुआँ अधीरl
हुआ वायु सेना का हमला,युद्ध खदेड़ा पाकिस्तानl
धोखेबाज पाक का फिर से,खुला भेद जग में बदनामll

वीर देश के रिपु दल मारे,किया कारगिल रक्त ललामl
आतंकी बनकर जो आये,किया सभी का काम तमामl
पाक शिविर में रूदन बिखरा,अविरल था मचा कोहरामl
खून भरा हर एक चेहरा,प्राण मांगता करे सलामll

युद्ध वीर भारत को देखो,विजय पताका उच्च महानl
छब्बीस जुलाई निनानवे,गूँज उठा कीर्ति भरा गानl
वीर सैनिकों की जांबाजी,भरा माह दो का त्यौहारl
बीस वर्ष के बाद गर्व का,जाग उठा दिल में अंबारll

शुरुआत पाक की मक्कारी,बहा खून आई कब कामl
मांग रहे थे रहम युद्ध में,अल्ला अकबर थे नाकामl
नमन देश के वीर सैनिकों,नत मस्तक हो करे सलामl
डरा हुआ है पाक हमेशा,शौर्य दिव्य जग करे प्रणामll

परिचय–छगनलाल गर्ग का साहित्यिक उपनाम `विज्ञ` हैl १३ अप्रैल १९५४ को गाँव-जीरावल(सिरोही,राजस्थान)में जन्मे होकर वर्तमान में राजस्थान स्थित आबू रोड पर रहते हैं, जबकि स्थाई पता-गाँव-जीरावल हैl आपको भाषा ज्ञान-हिन्दी, अंग्रेजी और गुजराती का हैl स्नातकोत्तर तक शिक्षित श्री गर्ग का कार्यक्षेत्र-प्रधानाचार्य(राजस्थान) का रहा हैl सामाजिक गतिविधि में आप दलित बालिका शिक्षा के लिए कार्यरत हैंl इनकी लेखन विधा-छंद,कहानी,कविता,लेख हैl काव्य संग्रह-मदांध मन,रंजन रस,क्षणबोध और तथाता (छंद काव्य संग्रह) सहित लगभग २० प्रकाशित हैं,तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैंl बात करें प्राप्त सम्मान -पुरस्कार की तो-काव्य रत्न सम्मान,हिंदी रत्न सम्मान,विद्या वाचस्पति(मानद उपाधि) व राष्ट्रीय स्तर की कई साहित्य संस्थानों से १०० से अधिक सम्मान मिले हैंl ब्लॉग पर भी आप लिखते हैंl विशेष उपलब्धि-साहित्यिक सम्मान ही हैंl इनकी लेखनी का उद्देश्य-हिन्दी भाषा का प्रसार-प्रचार करना,नई पीढ़ी में शास्त्रीय छंदों में अभिरुचि उत्पन्न करना,आलेखों व कथाओं के माध्यम से सामयिक परिस्थितियों को अभिव्यक्ति देने का प्रयास करना हैl पसंदीदा हिन्दी लेखक-मुंशी प्रेमचंद व कवि जयशंकर प्रसाद हैंl छगनलाल गर्ग `विज्ञ` के लिए प्रेरणा पुंज- प्राध्यापक मथुरेशनंदन कुलश्रेष्ठ(सिरोही,राजस्थान)हैl

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