फिर ना ये धड़केगा
नताशा गिरी ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से तमन्ना है उन्हें खुद में खुदा बनने की,खुशियों की नहीं चाहत है मेरे जख्मों की। मरहम का कटोरा वो साथ लिए फिरते हैं,हर अदा-हर लफ्ज़ पर हम फिर भी मरते हैं। हर डगर राह पर हम हाले दिल बयां करते हैं,मुस्कुराकर वो हाले दिल को सजा … Read more