विशुद्ध राजनीति है अंग्रेजी को बढ़ाने की

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’  मुम्बई (महाराष्ट्र) ********************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल....... प्रश्न यह है कि अंग्रेजी समर्थक एक शक्तिशाली वर्ग जिसने संविधान सभा के निर्णय के…

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मेरी ये पीड़ा समझोगे कभी!

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* धरती कहे पुकार के... जरा देख मुझे संतान मेरी, अपने हृदय के प्यार से अपने चक्षु की नमी से, कब समझोगे मेरा प्रेम…

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वरदान हैं वृक्ष

गीता गुप्ता ‘मन’ उन्नाव (बिहार) ************************************************************************************* प्रकृति का उपहार हैं वृक्ष, वसुधा का श्रृंगार हैं वृक्ष। प्राण वायु उत्सर्जन करके, नित करते उपकार हैं वृक्ष॥ भूमि का सम्मान हैं वृक्ष,…

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नजर

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* नजर से मिली नजर मुलाकात हो गई, आये ख्याल दिल में शब्बे बारात हो गई। आये वो पास मेरे,धड़कन बेहिसाब हो गई, नजर झुकी रही,दीदार-ए-याद…

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आशिक जमाना कह रहा है….

पारस गुप्ता  ‘शायर दिल से’  चन्दौसी(उत्तर प्रदेश) ********************************************************* दिल्लगी के,दौर में अब,कौन नफरत,कर रहा है... इश्क़ पढ़कर,इश्क़ लिखकर,इश्क़ में जी,मर रहा है... लुट रहा वो,मिट रहा इक,बेवफा के,प्यार में क्यूँ...…

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उत्कर्ष

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* आत्मदृष्टि पाना ही दु:ख हरण का मार्ग है, करम ताे जीवन फिर क्याें पीड़ा की आग है ? क्यों सोचता है मानव हर…

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क्या अदा है तेरी

निशा गुप्ता  देहरादून (उत्तराखंड) ************************************************************* (रचना शिल्प:काफिया-आना,रदीफ़-तेरा) याद मुझको आ गया यूँ मुस्कुराना तेरा, नजरें झुकाना झुकाकर फिर उठाना तेरा। क्या अदा है तेरी या मुझको सताना तेरा, मार डालेगा…

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आओ हम सौगंध उठाएं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* आओ हम सौगंध उठाएं, कर्म पथ पर बढ़ते जाएं। समाज से कुरीतियाँ हटाएं, जन-मन का हम ज्ञान बढ़ाएं। कर्तव्य कहीं जो डगमगाए, उस…

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तू दोस्त हमारा पुराना है…

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** तू दोस्त हमारा तो सबसे ही पुराना है, तेरे दिल में रहता हूँ,एक ही ठिकाना है। मुझसे न खफा हो मेरे दोस्त मेरे हमदम, रूठा…

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शब्द-ब्रह्म

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* शब्द जो मचाते हैं धूम, कभी शांत,कभी उन्मुक्त पनपते मस्तिष्क हृदय में, लुभाते जोड़ते बाँधते तोड़ते,फिर जोड़तेl निर्माण करते, बड़े अनोखे येे शब्द…

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