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आशिक जमाना कह रहा है….

पारस गुप्ता  ‘शायर दिल से’ 
चन्दौसी(उत्तर प्रदेश)
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दिल्लगी के,दौर में अब,कौन नफरत,कर रहा है…
इश्क़ पढ़कर,इश्क़ लिखकर,इश्क़ में जी,मर रहा है…
लुट रहा वो,मिट रहा इक,बेवफा के,प्यार में क्यूँ…
आजकल पागल को आशिक ये ज़माना कह रहा है…।

परिचय-पारस वार्ष्णेय का साहित्यिक उपनाम-पारस गुप्ता ‘शायर दिल से’ है। १९९४ में ६ दिसम्बर को चन्दौसी (सम्भल) में जन्मे हैं। वर्तमान में चन्दौसी (सम्भल)में ही बसेरा है। शहर चन्दौसी(उत्तर प्रदेश) निवासी श्री वार्ष्णेय की शिक्षा बीएससी एवं एमएससी (गणित)है। आपका कार्यक्षेत्र अध्यापक (गणित)का है। इनकी लेखन विधा- ग़ज़ल,गीत,मुक्त,मुक्तक आदि है। कुछ सम्मान भी प्राप्त किए हैं। विशेष उपलब्धि में आई.आई.टी. की परीक्षा तथा अन्य कई परीक्षा उत्तीर्ण करना है। लेखनी का उद्देश्य-शौक पूरा करना तथा हर दिल पर राज करना  है। आपकी विशेषज्ञता-हिन्दी ग़ज़ल को तरन्नुम में लिखने की है। 

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