पुस्तकों तुम सदा रहो
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष…… पुस्तकें हैं मित्र सखी जीवन के सुख-दु:ख में,पुस्तकें हैं पढ़ती मनोवैज्ञानिक-सी हमें भी।पुस्तकें है साथी विश्वास से अपना बनाती,पुस्तकें हैं समझती प्रेम की वो पराकाष्ठा।पुस्तकें हैं रखती संभाल प्रेम का प्रथम पुष्प,पुस्तकें हैं छुपा रखती अमूल्य भाव पत्रों का।पुस्तकें हैं तिजोरी रखती रुपए पन्नों बीच,पुस्तकें … Read more