माँ शारदे को सदा नमन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. विद्यादायिनी,वीणावादिनी आपका अभिनन्दन।कर बद्ध मैं करता हूँ,माँ शारदे को सदा नमन॥ मुझ अज्ञानी को,ज्ञान का दान करो मेरी माँ,मुझ नासमझ को,बुद्धि…

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सृजन वरदान

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* मानव को है प्रकृति ने,अद्भुत दान दियासृजन का अनुपम,उपहार दिया।बीज से सृजन,मानव का सुंदर रुप,मात-पिता को नाम दिया।सृजन है पाककला,जिह्वा को जो स्वाद मिला।लेखक-कवि ने…

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माँ मेरी मातृभाषा हिन्दी

प्रो.नीलू गुप्ता ‘विद्यालंकार’,कैलिफ़ोर्निया(अमेरिका)**************************** मेरी माँ है मेरी मातृभाषा हिन्दी,मेरी माँ की माँ भी है मेरी हिन्दीये मेरी भारत माँ के माथे की है बिन्दी,ये है कोमल सरल,नहीं है तनिक भी…

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अरमान जिंदा है अभी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** क्यूं यह जमाना हो रहा शर्मिंदा है अभी,आँखों में है अश्क और गला रूंधा है अभी। शायद हार गया है मेरे जुनून-ए-मुहब्बत से,और देख मेरे दिल…

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हमारा बचपन

श्रेया गुप्तामुम्बई (महाराष्ट्र)******************************* सभी का बचपन होता है न्यारा,मौज-मस्ती में गुजरा समय प्यारा।इसी वक्त सबने किया काफी मज़ा,जिसके लिए नहीं मिली उन्हें कोई सज़ा। हर छुट्टी के दिन लेते थे…

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प्रार्थना

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************** कान्हा-कान्हा मैं रटूँ,मन चाहे अभिसार।बोलो तुम कहाँ आओगे,कब होंगे दीदारll प्रेम अगन मन में लगी,मीरा रटे श्यामlविष का प्याला पी गई प्रभु,ले कर तुमरा नामlबोलो तुम…

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बेटियाँ आँखों का नूर

प्रो.नीलू गुप्ता 'विद्यालंकार',कैलिफ़ोर्निया(अमेरिका)**************************** बेटी को नहीं हम अब यूँ ठुकराते हैं,बेटी का होना अब नहीं दुर्भाग्य मानते हैंबेटी दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती बन आती है,बेटी घर में अमन चैन सुख शान्ति…

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उर्जित हुई धरा फिर देखो

निशा गुप्ता देहरादून (उत्तराखंड) ********************************** मकर सक्रांति स्पर्द्धा विशेष…. सूर्य हो गए उत्तरायणआया मकर सक्रांति त्यौहार,उर्जित हुई धरा फिर देखोहुए विदा अब ये मेहमान।शिशिर छोड़ चला ये घर-बार,ले आया ऊर्जा त्यौहार।…

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इश्क मोहब्बत

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से इश्क मोहब्बत दिल की दौलत जी देखिए,उल्फ़त की जमीं पे रहती है देखिए। निगाहों की बातें वो होंठों की…

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तुमको आना था, तो आ गए

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************* नव वर्ष!तुमको आना था,तो आ गए,इसमें क्या है हर्ष! पिछले वर्ष आए थे,तब क्या किया ?जो अब करोगे,क्या पाया हमने,पाकर तुम्हारा स्पर्श!तुमको आना था,तो आ गए!क्या…

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