नाम ‘केन्द्रीय भारतीय भाषा समिति रखा जाए

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र) *************************************************************** केन्द्रीय हिंदी समिति हिंदी के लिए गठित भारत सरकार की सर्वोच्च समिति है। इस समिति का कार्य संघ की राजभाषा यानी हिंदी का संघ के कार्यों में प्रयोग व प्रसार के लिए सर्वोच्च स्तर पर निर्णय लेना है,लेकिन इस संबंध में मेरा सुझाव है कि इस समिति का नाम … Read more

कहो प्रिया लिख दूँ…!

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* लिख दूँ मैं जो हवाओं के संग, फिजाओं के लहराते आँचल पर भौरों के गुंजन संग, कलियों के अधरों परl धड़कते सीने के, अँखियों की चमक पर राहों के सफर में, बासंती मधुवन मेंl कहो प्रिया लिख दूँ, तुम्हारा अपना नाम…!! परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। … Read more

गणतंत्र दिवस मनाएं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* स्वतंत्र भारत का उत्तम संविधान, गण औ तंत्र का सुंदर विवरण छब्बीस जनवरी को दिया मान, तंत्र है वो विधिवत संचालन इसका अर्थ साथी सबको बताएं, आओ गणतंत्र दिवस मनाएं। गणतंत्र एक है अनोखी प्रणाली, भारत का है सार्वजनिक मामला नही होता यह कोई निजी संस्था, ना होता … Read more

अदभुत गणतंत्र का श्रृंगार

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष……… हे माँ भारती,ये तेरा अदभुत गणतंत्र का श्रृंगार, शीश झुका तेरे चरणों में,मैं नमन करूँ बारम्बार। उन्नीस सौ तीस में किया था जो लक्ष्य संकल्पित, छब्बीस जनवरी पचास को सपना हुआ साकारl हे माँ भारती… आजाद हुआ वतन हमारा,मिला हमें संविधान, अंग्रेज भागे दुम दबाकर,सुनकर हूँकार-ललकारl … Read more

हम सब एक हैं

सिंपल गुप्ता   रोहतास (बिहार) ***************************************************************** हम सब हैं फूलों की माला, एक फुलवारी से आए हैं हमको बाँटा है जिसने, वह मानव ही कहलाए हैं। एक हमारी धरती सबकी, जिस मिट्टी में जन्मे हैं एक माँ का आँचल सबका, ममता पाकर पले-बढ़े हैं। सूरज एक हमारा जिसकी, किरणें उर की कली खिलाती मिली भी एक … Read more

बात मेरे दिल से ही

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** बात मेरे दिल से ही निकलती है हमेशा काश दुनिया को होता एहसास जरा-सा, पर निकली है बातें,जो मेरी इस बात से शायद इसी बात से मच रहा है तमाशा। अब इन बे-बातों से होना ही था अनर्थ पर उनकी समझ से हुई है घोर निराशा, मैं क्यों कहूँ,जो अच्छा … Read more

जाडे़ की धूप………..

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* जाड़े की गुनगुनाती, धूप की एक किरण, कैद करना हूँ चाहती अपनी मुट्ठी में। बंद दरवाजे खिड़कियों से झांकती, धीमे से छेड़ जाती मुझे कितने अनबोले शब्द, मचलते अधरों पर मुस्कुराती-सहलाती मैं, उस किरण को! जगने है लगती उसके संग, विश्वास की लहर कहीं जो पीछे छूट गया, … Read more

ओस की बूंदें

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* लिए चमक हीरे मोती गौरव, देखिए इठलाती ओस की बूंदें भोर किरण की इन पर गिरती, हृदय आनंदित देख कर बूंदेंl शीत ठंड हरी घासों पे सजती, दमक-दमक कहती हैं ये बूंदें सजा रही हूँ धरती को अनुपम, प्रकृति कहती मुझे लुभाती बूंदेंl पुष्प पंखुरियाँ धीमे हैं खुलती, … Read more

आधुनिक बनाम पुरातन ज्ञान-विज्ञान

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र) *************************************************************** जब कोई खगोलीय घटना घटती है,तो विभिन्न टी.वी. चैनलों पर वैज्ञानिकों और आध्यात्मिक गुरुओं के बीच वैचारिक संघर्ष साफ दिखाई देता है। लगता है दोनों में एक-दूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी है। अगर यह कहूँ कि,इस मामले में मैं अक्सर स्वयं को वैज्ञानिकों के नहीं, बल्कि कथित आध्यात्मिक … Read more

वो सुनहरे बडे़ दिन की छुट्टी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… आया शीत बडे़ दिन की छुट्टी, समृति में जागे बचपन के दिन उत्साह भरा होता था मन में, सखी मित्र संग खेल उपवन में। भाई-बहनों की हँसी घुल-मिल, चलो सजायें हम क्रिसमस वृक्ष बैलून चमक फीतों से सजाते, जली मोमबत्तियाँ घेर सजाते। … Read more