बस,थोड़ी-सी इंसानियत जिंदा तुम कर लो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** किसी को क्या दोष दें हम, जब अपना सिक्का ही खोटा। दिलासा बहुत देते हैं, स्वार्थी इंसान दुनिया के। समझ पाता नहीं कोई, उस मूल जड़…

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काँटे की रवानगी

मीरा जैन उज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** "क्यों री रमिया! आज बहुत खुश नजर आ रही है शायद 'तालाबंदी' के चलते ४० दिन की छुट्टियां तूने घर में बड़े आराम से गुजारी है…

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अनमोल रिश्ते

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* मीठे-मीठे सपनों को, यह पूरी तरह लेती है नोंच जिसे मेरी छोटी-सी, कलम कहती है छोटी सोंच। काशी और प्रयाग भी बन, सकता है तुम्हारा…

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‘माँ’,जिसमें समाया सारा जहाँ

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. एक अक्षर का शब्द है 'माँ', जिसमें समाया सारा जहाँ। जन्मदायिनी बनके सबको, अस्तित्व में लाती वो। तभी तो वो…

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अच्छी होती है बस ‘माँ’

अजय जैन ‘विकल्प’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय मातृत्व दिवस’ १० मई विशेष………. सबसे अच्छी होती है बस 'माँ', ईश्वर-सी सच्ची होती है माँ। संपूर्ण सृष्टि का बोध है माँ, हो 'प्रथम…

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निष्ठुर सरकार,कैसा सामाजिक सरोकार

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** प्रवासी मजदूरों से रेल किराया वसूलना............. जिस प्रकार प्रकृति का एक नियम होता है जब बहुत तेज़ गर्मी पड़ती है तब सूर्य अपनी ऊष्मा से जलीय…

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पहचान बनो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** स्वंय के काम करके, बनो स्वावलम्बी तुम। तभी जिंदगी महकेगी, स्वंय के किए कार्यों से। जो तुमने किए हैं कार्य, वो सारी दुनिया देखेगी। उन्हीं कामों…

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सामाजिक सम्बन्धों की प्रगाढ़ता से मिटेगी दूरी

श्रीमती अर्चना जैन दिल्ली(भारत) *************************************************************** सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। रिश्ते सामाजिक संबंधों का आधार है। रिश्ता चाहे माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो,या आस-पड़ोस…

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उगता सूर्य…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ उगता रवि- इंद्रधनुषी आभा, अद्भुत छवि। सूर्य लालिमा- छाया नव उत्साह, मिटी कालिमा। भोर वंदन- जल पुष्प अक्षत, कर अर्चन। महका वन- कलियों…

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सुन लो मेरी प्रार्थना…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** मंदिर मस्जिद और, गुरुद्वारा में गए। श्रध्दा से सिर को, झुकाया वहां पर। और की प्रार्थना, सामने उनके बैठकर। हे प्रभु सुन लो, अरज मेरी तुम।…

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