अम्बे गौरी मैया..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ खप्पर वाली- दुष्टों की संहारक काली कल्याणीl तुझको ध्याते- ब्रम्हा विष्णु महेश महिमा गातेl करता भक्ति- हे!अम्बे गौरी मैया तू मेरी शक्तिl सुन…

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सुधारना होगा हमें अपनी व्यवस्था को

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दिया जिन्होंने छोड़, अपने लोगों को तभी लड़खड़ाई हमारे देश की व्यवस्थाl मुझे लग रहा है कि, कहीं लुप्त न हो जाये हमारे देश की वो…

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दोस्ती चेहरे की मीठी मुस्कान होती है

राजकुमार जैन ‘राजन’ आकोला (राजस्थान) ****************************************************** मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है। कदम-कदम पर अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए किसी मित्र,सहयोगी की आवश्यकता होती है। कहा जाता है…

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भाषा-लिपि की विविधता और एकरूपता तथा निदान

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** इंडिया में भाषा की लड़ाई लड़ते हुए लगभग १०० वर्ष से अधिक हो गए हैं,और स्वतंत्र हुए ७० वर्ष से अधिक,भाषा जैसे इस देश में कोई…

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काली अंधेरी रात…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ काली अंधेरी रात, सुनसान ज़िंदगी। कटती नहीं है काटे से, वीरान जिंदगी। पत्थर दिल लोग यहाँ, सुनता नहीं कोई। मचा है हाहाकार यहाँ,…

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पानी है अनमोल

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** पानी है अनमोल, समझो इसका मोल। जो अभी न समझोगे, तो सिर्फ पानी नाम सुनोगे। आने वाले वर्षों में, पानी बनेगा एक समस्या। देख रहे हो…

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घूंघट…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ चाँद छुप गया है देखो, बादलों की ओट भोर भई गौरी, अब तो घूंघट के पट खोल, यूँ ही न बीत जाए ख़ूबसूरत…

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कल और आज

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** कल ने कल से कहा- कल मिलोगे क्या तुम ? आज सुन कर कल पर हँस वो पड़ा। कल ने पूछा आज से- तुम क्यों हँसे…

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मनुष्य…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ ईश्वर की, सर्वोत्तम कृति मनुष्य है। जिसे रोने-हँसने, सोचने और समझने की उसे, शक्ति दी। सागर की असीम गहराइयों को, नापने और नभ…

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शुभकामनाओं में संभावनाएं

सुनील जैन राही पालम गांव(नई दिल्ली) ******************************************************** शुभकामना संदेश देखकर मन घबरा जाता है। शुभकामना का आना बिना बुलाये मेहमान की तरह खतरनाक हो गया है। शुभकामना दिखाई देती है,पहला प्रश्‍न…

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