हिंदी का क्रंदन

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिंदी आज करती है क्रंदन, एक दिन ही क्यूँ हम करें वंदन। हिंदी बन गयी है आज शर्म, अंग्रेजी बना हमारा प्रथम धर्म। पराए को भले दो तुम मान, पर अपनों की मत छीनो शान। जो हिंदी थी गले का हार, आज उस हिंदी बोलने से … Read more

आत्मा का स्वाभाविक धर्म है क्षमा

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** जैन धर्म में पर्यूषण पर्व के उपरांत ‘क्षमावाणी’ पर्व मनाया जाता है,जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अन्य से जाने-अनजाने में किए गए किसी ऐसे काम के लिए क्षमा मांगता है,जिससे उन्हें दुख पहुंचा हो,चाहे वह मन से हो,वचन से अथवा कार्य से। साथ ही,वह अन्य को भी क्षमा करता है। क्षमावाणी ऐसा पर्व … Read more

फिर भरेंगे उड़ान,रुकेंगे नहीं…

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** कदम ठिठके हैं,पर रुकेंगे नहीं, फिर आगे बढ़ेंगे,रुकेंगे नहीं। गर्व है देश पर,विज्ञान पर, फिर भरेंगे उड़ान,रुकेंगे नहीं। उतार-चढ़ाव तो है जिंदगी, है बहुत हौंसला,रुकेंगे नहीं। मिशन पाक हो या चन्द्रयान, तिरंगा लहराएंगें,रुकेंगे नहीं। विक्रम जहाँ पहुंचा,बड़ी बात, ठान लिया जो,रुकेंगे नहीं। हम ना हारें,ना डरें कभी, लक्ष्य सामने,रुकेंगे नहीं। … Read more

बदली मंजिल

राजकुमार जैन राजन आकोला (राजस्थान) ****************************************************** लिखना चाहूँगा तुम्हारा इतिहास, अतीत से जुड़े पलों को कुछ इस तरह पत्थर पर उकेरूँगा कि तुम, आज भी हो मेरे अहसासों में। मन के रेगिस्तान में, कुरेदे गए मेरे जख्मों को तुमने ही सिया था प्रेम के धागे और विश्वास की सुई से, मैं पिघलता रहा पल दर पल … Read more

…तभी बनोगे दुनिया में नवाब

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* जिन्दगी आज भी जुआं है…, एक अधूरी-सी दुआ हैl कोई सुना देता है फरमान, तोड़ देता है अरमानl आसमान नहीं जमीन चाहिए, बस जिन्दा जमीर चाहिएl मानती हूँ लाख है कमी, फिर भी छुपा लेती हूँ नमीl जब थाम लेती हूँ अपना हाथ, नहीं छोड़ती हूँ खुद का साथl अजीब-सा … Read more

क्या कहोगे तुम इसे

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** तुम दीप जलाते हो, मैं रोशनी देता हूँ। तुम दिल जलाते हो, मैं खुद जलता हूँ। तुम प्यार करते हो, हम प्यार निभाते हैं। तुम खूबसूरती देखते हो, मैं गुण तलाशता हूँ। तुम्हें अमीरी भाती है, मुझे इंसानियत आती है। तुम दिखावा करते हो, हम हकीकत देखते हैंll कहाँ जाएं,कहाँ नहीं … Read more

सपनों के सच हो जाने तक

राजकुमार जैन राजन आकोला (राजस्थान) ****************************************************** कई सपने, बांध कर रखे हैं जीवन की कुटिया में, रौशनी की छाँह तले जिसमें संजो रखा था हौंसला, नव उत्कर्ष के लिएl पानी के बुलबुलों-सी उठती हैं छिटपुट स्मृतियां, क्या होगा कविताएं लिखकर जिंदगी के अहम सवाल जब शब्दों में ढलते ही नहीं, अक्षरों की कैद से अर्थ कतराते … Read more

गुरू महान…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ शिक्षक दिवस विशेष………. कोटि वंदन- गुरू चरण रज, माथ चंदनl गुरू महान- ब्रम्हा विष्णु महेश, करते ध्यानl कर सम्मान- गुरू के आशीष से, मिलता मानl ज्ञान बढ़ाता- भूले-भटकों को वो, राह बताताl कई प्रमाण- गुरू महिमा गाते, वेद पुराणl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी … Read more

जन्मकुंडली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ लोग कहते हैं जोड़ियाँ ईश्वर बनाता है, शास्त्रों में लिखा है हमारी जन्मकुंडली ऊपरवाला बनाता हैl फिर क्यों ? रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं, क्यों दिल टूटते हैं ? क्यों अपने ही अपनों से रूठते हैंl क्यों रिश्ते, दाग़दार होते हैं ? क्यों रोज़, यहाँ भावनाओं का व्यापार … Read more

समर्थन

राजकुमार जैन राजन आकोला (राजस्थान) ****************************************************** यह जो मील के पत्थर महज पाषाण नहीं है, गति है,लय है हमारे चलने के साथ जीवन के साक्षी भी बनते हैंl जीवन में कुछ पल अपने अस्तित्व बोध में ऐसे भी होते हैं, जिनमें हम बुद्ध बन जाने को विवश होते हैंl खामोशियों में ही मन के सूने … Read more