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…तभी बनोगे दुनिया में नवाब

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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जिन्दगी आज भी जुआं है…,
एक अधूरी-सी दुआ हैl
कोई सुना देता है फरमान,
तोड़ देता है अरमानl
आसमान नहीं जमीन चाहिए,
बस जिन्दा जमीर चाहिएl
मानती हूँ लाख है कमी,
फिर भी छुपा लेती हूँ नमीl
जब थाम लेती हूँ अपना हाथ,
नहीं छोड़ती हूँ खुद का साथl
अजीब-सा छिपा है जुनून,
जुनून से मिलता है मुझे सुकूनl
छोड़ दी है अब शिकायत,
खुद से है मुझे मोहब्बतl
याद रखना-खुद को समझोगे हीरा,
तब दुनिया मान देगी कह के मीराl
आसमान पर लिखा होगा नाम,
कहेगा एक दिन यह मेरा कामl
तो खूब देखना ख्वाब,
तभी बनोगे दुनिया में नवाबll

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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