नज़रिया

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** नज़र इसकी,नज़र उसकी नजारा इक,नज़रिये दो, मुक़ाबिल तो,है होना ही वजह हो,चाहे या ना होl कर है प्रार्थना नित ये परस्तिश रोज करता वो,…

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मुस्कराते रहो

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जिंदगी में सदा, मुस्कराते रहो। फासले कम करो, दिल मिलाते चलो॥ दर्द कैसा भी हो, आँखें नम न करो। रात काली ही सही, पर गम न…

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युवाओं को परिवार का महत्व समझाएं और समझें

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस विशेष-१५ मई........... जिस प्रकार हमारे यहाँ सात दिनों के साथ वार होते हैं और आठवां वार परिवार होता है,परिवार जिसमें प्रेम,आदर,दूसरों के विचारों…

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माँ है गीता

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* माँ है गीता,माँ है कुरान, माँ को करिए रोज प्रणाम। ईश्वर भी नमता जहां पर, माँ ही संसार में असली भगवान। जिसने पाला हमको,वो कैसे…

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राणा प्रताप..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ मेवाड़ी आन, महाराणा प्रताप देश की शान। राणा प्रताप, कोई न सह पाया उसका ताप। राणा महान, भूल नही पायेगा ये हिंदुस्तान। महल…

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मातृ वंदना

क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माता शब्द है जो ममता मानवता का नाम। हृदय से करूँ सभी माताओं को प्रणाम॥   जन्मदायिनी हे माता! तेरा तो पर्याय…

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माँ से बढ़कर कुछ नहीं

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… साथियों,मुझे बहुत ही गहरा एहसास हुआ एक इंसान की मातृ भक्ति को देखकर कि कैसे वो अपनी बूढ़ी माँ की सेवा करता…

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माँ का वचन

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ हूँ मैं तेरा एक जिंदा अंग, नहीं दूंगी तुझे आँसू का संग। जब मेरी इन आँखों का काजल है बिखरा,…

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वृतिका

कपिल कुमार जैन  भीलवाड़ा(राजस्थान) ***************************************************************** आज शाम को द्वार पे विदा कर के, ज्यों ही रात्रि के आरम्भ में मैं चांद के आगोश में समाया, थकान से बोझिल पलकों ने…

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मसूद अज़हर के प्रतिबन्ध पर बड़ी बात करना निरर्थक

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** जब किसी मोटी लकड़ी को कुल्हाड़ी से काटा जाता है,तब उसको काटने में मान लो २० घाव लगे और २१वे घाव में कटी तो यह नहीं…

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